प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किन्नर समाज को बहुत मान-सम्मान दिया है: महामंडलेश्वर सोनाक्षी

punjabkesari.in Sunday, Jun 30, 2024 - 05:43 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा, हिमाचल और चंडीगढ़ के कई स्थानों पर किन्नर के बधाई मांगने को लेकर कुछ नेताओं की ओर से उन्हें दिए जाने वाले शगुन के रेट तय करने को लेकर किन्नर समाज में रोष बढ़ता जा रहा है। किन्नर समाज की महामंडलेश्वर सोनाक्षी ने ऐसे नेताओं को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि वह कोई बाजार में बिकने वाला सामान नहीं है, जिसके रेट तय किए जाए।

उन्होंने कहा कि प्रभु राम के जन्मोत्सव पर राजा दशरथ ने भी लीला माई किन्नरो बुलाकर बधाई दी थी। उस समय भी किन्नर छोटे बालक को गोद में लेकर लोरी देते थे और आज भी वह लोग उस परंपरा को कायम रखते हुए बधाई लेने जाते समय बच्चे को गोद में लेकर उसे लोरी देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते है। वह लोग इसी में खुश हो जाते हैं कि उनकी गोद में खेला बच्चा बड़ा होकर एक अच्छा इंसान बना है, लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें दी जाने वाली बधाई के रेट तय कर दिए है, जोकि गलत है। सोनाक्षी ने कहा कि वह कभी भी किसी से जबरन बधाई की राशि नहीं मांगती, बल्कि सामने वाले व्यक्ति के हालात को देखकर उसी हिसाब से बधाई की राशि मांगते हैं।

पीएम मोदी ने दिया मान-सम्मान
सोनाक्षी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किन्नर समाज को बहुत मान-सम्मान दिया है, जिस किन्नर के पास खुद का मकान नहीं है, उनके लिए उन्होंने मकान देने की भी बात कही है। इसके अलावा उनके लिए पहचान पत्र और राशन कार्ड की भी व्यवस्था की है, जबकि इससे पहले किसी ने भी उनके बारे में नहीं सोचा। सोनाक्षी ने कहा कि वह लोग नेताओं को वोट भी देते हैं और उनके साथ भी चलते हैं, लेकिन उसके बाद भी उनके साथ कुछ लोग भेदभाव करते हैं।

खतरे में है अस्तित्व
किन्नर समाज की महामंडलेश्वर सोनाक्षी ने बताया कि अनेक ग्रंथों में गंधर्व, किन्नर और राक्षस शब्दों का जिक्र है। ये इसलिए है क्योंकि किन्नर की भी मान मयार्दा होती है। उनके समाज में गुरु-शिष्य की परंपरा होती है, जो धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। आजकल गे, स्मलैंगिक और लेसबियन हो गए है, जिन्होंने उनकी रुपरेखा को धारण कर लिया है। इससे उनका अस्तित्व भी खतरे में आ गया है। अब धीरे-धीरे किन्नर समाज भी क्म होकर खत्म होता जा रहा है। 

प्रकृति को बढ़ाने का संकल्प
सोनाक्षी ने बताया कि किन्नर होने के बावजूद उनका एक सपना था कि किस प्रकार से प्रकृति को बढ़ाया जाए, क्योंकि जो हम प्रकृति को देंगे, वहीं हमें वापस मिलेगा। इसलिए उन्होंने एक लाख पौधे लगाने का संकल्प लिया था, जिस पर अब काम किया जा रहा है। इसमें चंडीगढ़ के अलावा हरियाणा, पंजाब और हिमाचल के अनेक लोग भी उनका साथ दे रहे हैं। हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने अपनी और से उन्हें पौधारोपण के लिए पौधे भी दान में दिए थे। इसी प्रकार से कईं अन्य लोगों ने भी इस संकल्प को परा करने में इनकी मदद करते हुए पौधे दान स्वरूप दिए है, जिससे धरती पर हरियाली बढ़ सके।

 


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Content Writer

Isha

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