मन की बात सुनाने की बजाय प्रधानमंत्री को जन की बात सुननी चाहिए : अभय

12/1/2020 10:01:03 AM

चंडीगढ़ (बंसल) : इनैलो प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय चौटाला ने कहा कि यह बड़ी विडंबना है कि हमारा देश कृषि प्रधान होने के बावजूद जहां कृषि कानूनों को किसानों की राय लेकर बनाना चाहिए वहीं वो लोग कृषि कानून बना रहे हैं जिनका खेती से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। जनता को अपने मन की बात सुनाने की बजाय प्रधानमंत्री को जन की बात सुननी चाहिए ताकि देश की जनता की समस्याओं का समाधान किया जा सके।

जिन किसानों ने कभी इन कृषि कानूनों की मांग ही नहीं की उन पर जबरदस्ती इन कानूनों को थोपना कहां का इंसाफ है। प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात कार्यक्रम में कही गई बात कि कृषि सुधारों ने किसानों को अधिकार और अवसर दिए हैं अगर सच होता तो आज पूरे देश के किसान इनके खिलाफ सड़कों पर आंदोलन ना कर रहे होते।

इनैलो नेता ने किसान संगठनों द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री के सशर्त प्रस्ताव को ठुकराने का समर्थन करते हुए कहा कि किसानों की मांग मानने की बजाय अपनी शर्तों को लगाना बिल्कुल गलत है। किसानों का यह संदेह भी जायज है कि केंद्र सरकार किसानों को बुराड़ी बुला कर उन्हें उस मैदान में बंद कर सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार किसानों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए किसान संगठनों में फूट डालने की कोशिश कर रही है क्योंकि गृह मंत्री द्वारा जो निंमत्रण दिया गया है वो केवल पंजाब के किसान संगठनों के नाम है जबकि यह आंदोलन पूरे देश के किसानों का है जिनका कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है। 

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को कभी खालिस्तानी और कभी षडयंत्रकारी कहकर भाजपा सरकार किसानों का अपमान कर रही है। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान कि इस आंदोलन में हरियाणा का किसान शामिल नहीं है पर कहा कि यह प्रदेश के किसानों का अपमान है। हरियाणा के मुख्यमंत्री को पंजाब के मुख्यमंत्री से उलझने की बजाय तुरंत केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए और किसानों की मांग को मनवाकर इस समस्या का हल निकलवाना चाहिए। 

Manisha rana