प्राइवेट स्कूल के बच्चों का परीक्षा केंद्र दूर होने पर फूटा गुस्सा, संचालक बोले-''पाकिस्तान के नहीं ये बच्चें''

2/20/2020 5:26:44 PM

कैथल (सुखविंद्र सैनी)- हरियाणा में होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं में प्राइवेट स्कूल के बच्चे अब स्थानीय स्कूलों में परीक्षा नहीं दे पाएंगे। भाजपा सरकार शिक्षा नीति में बदलाव करने जा रह है। इस नीति अनुसार अब प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के परीक्षा केंद्र 10 से 15 किलोमीटर दूर बनाए जाएंगे। बताया जा रहा है कि यह पॉलिसी हरियाणा शिक्षा बोर्ड आगामी बोर्ड की परीक्षा में अपनाने जा रही है। लेकिन सरकार की इस नीति का प्राइवेट स्कूल संचालकों ने विरोध कर दिया है और प्राइवेट स्कूल संचालकों ने कहा है कि भाजपा सरकार सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों से सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है।

प्राइवेट स्कूल संचालकों ने सरकार से सवाल किया है कि क्या प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे पाकिस्तान या बांग्लादेश से आए हुए घुसपैठिये नहीं हैं, जो उनसे सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार यह पॉलिसी नकल रोकने के लिए बना रही है तो इसका दूसरा तरीका भी है। सरकार स्कूलों में कैमरे लगाए या फोर्स लगाए। लेकिन सरकार की दोगली नीति को कोई भी प्राइवेट स्कूल संचालक बर्दाश्त नहीं करेगा और इसका जमकर विरोध किया जाएगा। 

कैथल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्राइवेट स्कूल फैडरेशन एवं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने सरकार की पॉलिसी का विरोध करते हुए भाजपा सरकार से इस पॉलिसी को वापिस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड की पॉलिसी की जनविरोधी है। हरियाणा शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में 2 पेपरों में फेल होने वाले बच्चे को फेल माना जाता है, जबकि सी.बी.एस.ई. बोर्ड में 2 पेपरों में फेल होने वाले बच्चे को फेल नहीं माना जाता। उसकी कम्पार्टमैंट दी जाती है। 

Isha