हाईवे पर लाउडस्पीकर  से शराब का प्रचार

6/24/2018 11:58:17 AM

पानीपत (संजीव): मादक पदार्थों के प्रचार व प्रसार पर रोक के बावजूद शहर के बीचों-बीच गुजर रहे जी.टी. रोड पर शराब के ठेकेदार न केवल खुलेआम शराब का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं बल्कि प्रशासन को चुनौती देते हुए सरेआम लोगों को शराब का सेवन करने के लिए प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। इसके लिए नाट्य टीम का सहारा लेकर व विभिन्न ईनामी ड्रा की घोषणा कर जी.टी. रोड से गुजर रहे राहगीरों को आकॢषत किया जा रहा है। आरोप ये भी हैं कि यह सारा तमाशा पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है और पुलिस सब कुछ जानते हुए भी मूकदर्शक बनी रहती है। 

एक तरफ जहां पुलिस प्रशासन नशीले पदार्थों पर शिकंजा कसने के दावे करते नहीं थकता, ऐसे में जी.टी. रोड पर इस प्रकार खुलेआम मदिरा का प्रचार होगा तो पुलिस पर सवाल उठने लाजिमी हैं। ताजा मामला शनिवार शाम को उस समय सामने आया जब जी.टी. रोड के नजदीक बनी तहसील कैम्प पुलिस चौकी से महज 20 मीटर की दूरी पर स्थित एक शराब ठेके पर एक ब्रांडेड शराब की कम्पनी के प्रचार कर्मी पहुंच गए और ठेके के बाहर ही मजमा जमाना शुरू कर दिया। 

नाटक के माध्यम से लोगों को शराब के सेवन के लिए प्रोत्साहित किया गया। वहीं लाऊड स्पीकर पर जमकर प्रचार किया कि उक्त कम्पनी की शराब के सेवन पर लक्की ड्रा का प्रावधान किया है। इसके अलावा उपस्थित लोगों से कुछ प्रश्नोत्तरी भी पूछी गई। जैसे किस ब्रांड की शराब वे पीते हैं। सुबह शराब के सेवन से वे कैसा महसूस करते हैं। शराब पीने के बाद उनकी दिनचर्या किस प्रकार से प्रभावित होती है। वगैरह। लाऊड स्पीकर के माध्यम से ऐसी भी उद्घोषणा होती रही कि किसी खास ब्रांड की शराब का सेवन करने पर इनाम ड्रा की स्कीम भी है। इस प्रकार हो रहे प्रचार से बुद्धिजीवी वर्ग में हैरत की स्थिति बनी नहीं।

पुलिस केवल चालान तक सीमित
जिस जगह पर यह सारा कार्यक्रम चलता रहा वहां से करीब 20 मीटर की दूरी पर जहां तहसील कैम्प पुलिस चौकी है। थोड़ी ही दूरी पर स्काईलार्क के सामने व फतेहपुरी चौक वाले कट पर पुलिसकर्मी वाहन चालकों के चालान काटने में मस्त दिखे। लाऊड स्पीकर पर हो रहे इस प्रचार की आवाज उन्होंने भी जरूरी सुनी होगी लेकिन उन्होंने इस प्रकार के प्रचार पर रोक लगाकर कानून की पालना करवाने पर ध्यान देने की बजाय चालान काटना ज्यादा जरूरी समझा। क्षेत्र के लोगों का भी यही आरोप रहा कि पुलिस अगर चालान काटने में मस्त न होकर ऐसे कार्यक्रमों सख्ती बरतें तो क्राइम पर कंट्रोल हो सकता है।

Deepak Paul