फर्जीवाड़े में नंबर वन पर आई प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता

12/3/2017 12:48:11 PM

पानीपत(ब्यूरो): पानीपत की प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता फर्जीवाड़े के मामले में अव्वल दर्जा हासिल किया है। इस बात का सबूत पंचकुला आर्थिक अपराध की शाखा द्वारा रजनी गुप्ता के खिलाफ धारा 467,468 ,471 ,474 के तहत पेश किए गए सप्लीमेंट्रीं चालान हैं। रजनी गुप्ता के अपराधों में जिलान्यायाधीश के फर्जी मुहर लगे आईडी कार्ड का इस्तेमाल करने का आरोप है। प्रोटेक्शन ऑफिसर के पद पर रहते हुए हिसार दूरदर्शन व आकाशवाणी में फर्जी तरीके से काम किया व वेतन भी हासिल किया।



पंचकूला आर्थिक अपराध शाखा के द्वारा पानीपत की प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता के खिलाफ दर्ज मुकदमा नंबर 228/2016  में पानीपत के  जिलाधीश की जाली मुहर लगे  आई कार्ड के सन्दर्भ मे सीजीएम की कोर्ट के आदेशों पर जांच करके पानीपत की प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता के खिलाफ धारा 467,468 ,471 ,474 में सप्लीमेंट्री चालान  पेश किया गया, जिसमें देर शाम रजनी गुप्ता को जमानत मिल गई।

फर्जीवाड़े में हासिल किए पद और वेतन...
दूरदर्शन व आकाशवाणी की पत्रकार बन जुटाया धन

इसी मुकदमे में रजनी गुप्ता के खिलाफ प्रोटेक्शन ऑफिसर के पद पर कार्यरत होने के बावजूद दो अन्य  संस्थान आकाशवाणी व दूरदर्शन के रिपोर्टर के रूप में आय जुटाने का आरोप। आकाशवाणी से मान्यता प्राप्त पत्रकार बन तीन संस्थानों से लाभ अर्जित करने पर एक और हेराफेरी का आरोप, जबकि जालसाजी करने के आरोपों में  406 /420 आई पी सी में पहले से जमानत पर थी। नई धाराएं शामिल होने पर रजनी गुप्ता से नए बेल-बाउन्ड भरवाए गए।

फर्जी आईडी कार्ड जिस पर वैलिडिटी को कोई पता नहीं
पानीपत में कार्यरत प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता द्वारा जिलाधीश पानीपत की मुहर लगा फर्जी आई कार्ड जिस पर जारी करने की तिथि तो है लेकिन कब तक वेलिड है इसकी कोई जानकारी नहीं है। पानीपत पुलिस द्वारा जांच करने पर जिलाधीश कार्यालय द्वारा 25 नवम्बर 2016 को क्रमांक 4307 एमबी ब्रांच द्वारा लिखित रूप से सत्यापित किया गया कि डिप्टी कमिश्नर की मुहर लगा आई कार्ड डीसी कार्यालय द्वारा कभी जारी नहीं किया गया। जिलाधीश की मुहर लगा जाली आई कार्ड इस्तेमाल करना देश की सुरक्षा के लिए भी घातक है।



पंचकूला सीजीएम रोहित वाट्स की अदालत में 16 अक्तूबर को पंचकूला आर्थिक अपराध शाखा के प्रभारी को आदेश दिए थे कि पंचकूला पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमा जिसमें जिलाधीश की जाली मुहर लगे आई कार्ड के इस्तेमाल किए जाने के मामल है, की जांच कर रिपोर्ट अदालत में 2 दिसंबर यानि आज दी जाए।

शिकायतकर्ता द्वारा अदालत में लगाई गई अप्लीकेशन के अनुसार पानीपत जिलाधीश की मुहर लगा यह दस्तावेज दोषी रजनी गुप्ता द्वारा तैयार कर अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया गया है। पुलिस ने  हरियाणा लोक संपर्क विभाग से आरोप प्रमाणित होने के तथ्य जुटाए और आज 2 दिसंबर को रजनी गुप्ता के खिलाफ पुरानी धाराओं  406 /420 के साथ नई धाराएं  467,468 ,471 ,474 भी जोड़कर सप्लीमेंट्री चालान पेश किया।

चालान में पुलिस द्वारा प्रमाणित रजनी गुप्ता के तथ्य
प्रोटेक्शन ऑफिसर की नौकरी नवंबर 2008 से 16 नवंबर 2014 तक प्राप्त की और इसके एवज में सरकार से वेतन भी वसूला। आकाशवाणी के माध्यम से  हरियाणा सरकार से बतौर पत्रकार की मान्यता 23 नवंबर 2005 से 2012 तक प्राप्त की। रजनी ने प्रोटेक्शन ऑफिसर की नौकरी पर नियुक्ति से पहले वकालत का लाइसेंस सरेंडर नहीं किया। उल्लेखनीय है कि रजनी गुप्ता का बतौर वकील लाईसेंस पंजाब एवं हरियाणा बार कौंसिल ने 28 दिसम्बर, 2013 को 5 साल के लिए निलंबित किया है।

पिता की मौत के बाद की प्लॉट में हेराफेरी
अपने पिता की मौत के तीन माह बाद पंचकुला के सैक्टर 21 स्थित प्लाट नं. 1292-पी को हेराफेरी व जालसाजी से अपने नाम करवा लेने का मामला धारा  406 ,420 ,467 468 ,471 120 बी पंचकुला के थाना सेक्टर पांच में दर्ज हैं। पंचकुला पुलिस ने जाली विल व हुडा विभाग के कागजों की फोरेंसिक लैब मधुबन से मिलान कराई जिसमेें जालसाजी पाई गई। पुलिस ने इस मामले रजनी सहित 3 लोगों पर कार्रवाई की है। इस मामले में पंचकूला के जिला न्यायवादी ने भीकानूनी राय देते हुई डीएनए टेस्ट करवाने की सिफारिश कर रखी है। राजकुमार गुप्ता उनके बायोलॉजिकल पिता हैं, यह डीएनए टेस्ट के बाद ही खुलासा होगा । रजनी गुप्ता के भाई रोहन गुप्ता की डीएनए टेस्ट की याचिका हरियाणा व पंजाब हाई कोर्ट में पेंडिंग है।

एक अन्य मामला  पानीपत थाना शहर पुलिस द्वारा 11-10-2016 को हाल ही में मुकदमा नंबर 1336 धारा 420 में दर्ज किया गया है । यह मुकद्दमा रजनी गुप्ता के खिलाफ 2008 मेंप्रोटेक्शन ऑफिसर की नोकरी प्राप्त करने के बाद 2010 में पानीपत में चैम्बर नम्बर -17 की फर्जी तरीके से अलॉटमेंट पर दर्ज किया गया है।

आकाशवाणी चंडीगढ़ द्वारा जुलाई 2004  से मार्च 2013 तक 1,29,000 रुपये की आय अर्जित की। इस बाबत एग्रीमेंट भी साईन किया, जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि रजनी की ज्वाइनिंग 1 जुलाई 2004 को हुई, और यह 2013 तक रिन्यू भी होता रहा है। वहीं दूरदर्शन केंद्र हिसार में जनवरी 2008 से 22 जुलाई 2009 तक कवरेज के एवज में 36000 प्रति माह हासिल किया।