जींद टोल प्लाजा पर जारी धरने में किसान ने जहर खाकर जान दी

6/16/2021 5:58:07 PM

जींद, 16 जून (भाषा) हरियाणा में खटकड़ टोल प्लाजा पर जारी किसानों के धरने में मंगलवार रात एक किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर उचाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। टोल पर मौजूद किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार तीन नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर रही है, जिसके चलते मृतक सरकार के इस रवैये से आहत था। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में लंबे समय से खटकड़ टोल पर किसानों का धरना जारी है। मंगलवार रात को गांव खटकड़ निवासी सतपाल (55) ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। घटना का उस समय पता चला जब सतपाल काफी समय तक नहीं उठे। किसान जब मौके पर पहुंचे तो वह मृत पाए गए और उनके पास ही जहरीले पदार्थ की बोतल पड़ी थी। सतपाल आंदोलनरत किसानों की सेवा में पिछले छह माह से जुटे हुए थे और उनके लिए चाय बनाते थे। किसानों ने सतपाल द्वारा आत्महत्या करने की सूचना उचाना थाना पुलिस को दी।

किसान नेता सतबीर पहलवान ने कहा कि किसान सतपाल इस बात से नाराज थे कि सरकार तीन कृषि कानून रद्द करने के लिए कुछ नहीं कर रही है। इसे लेकर वह मानसिक रूप से परेशान भी रहते थे। उन्होंने कहा कि कुछ किसान सोमवार को दिल्ली के धरने में गए थे। जब उन्होंने वापस आकर सरकार के किसानों के प्रति रवैये के बारे में बताया तो सतपाल और परेशान हो गए। किसान नेता ने आरोप लगाया कि मंगलवार रात को इसी तनाव के चलते उन्होंने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि किसान लगभग सात महीनों से तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे है लेकिन सरकार इन कानूनों को रद्द करने के लिए कुछ नहीं कर रही है। उचाना थाना प्रभारी रविंद्र कुमार ने बताया कि किसान सतपाल के परिवार के लोगों को बुलाया गया है। उनके बयान दर्ज करने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच, खटकड़ गांव में सतपाल का अंतिम संस्कार होने से पहले किसान खटकड़ टोल के पास धरनास्थल पर एकत्रित हुए। किसानों ने मौके पर पहुंचे एसडीएम डॉ. प्रीतपाल सिंह, डीएसपी जितेंद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा, जिसमें किसान सतपाल को सरकार की तरफ से शहीद का दर्जा देने, किसान के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग की गई। वहीं, खटकड़ गांव में किसान के अंतिम संस्कार पर आस-पास के गांवों से किसान पहुंचे थे। किसान की अंतिम यात्रा में किसान हाथों में भारतीय किसान यूनियन के झंडे लिए हुए थे।

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PTI News Agency