हरियाणा के पांच जिलों में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी लागू, खुले में न करें एक्सरसाइज

11/2/2019 3:47:43 PM

डेस्क: हरियाणा के पांच जिलों में प्रदूषण के लगातार बढ़ते स्तर व लोगों की परेशानियों को देखते हुए ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी लागू कर दी है। इस आदेश में पानीपत के अलावा सोनीपत, फरीदाबाद, गुडग़ांव को शामिल किया गया है। दिल्ली तथा यूपी के कुछ जिलों में भी इमरजेंसी लागू रहेगी।

एनवारमेंट पोल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा है कि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कार्रवाई होगी। खुले मैदानों में प्रशासन को छिड़काव करना होगा। भवन निर्माण पर अगले आदेश तक पाबंदी लगा दी गई है। ईपीसीए जनरेटर व तंदूर पर पहले ही पाबंदी लगा चुका है, लेकिन प्रशासन ने एपीसीए के निर्देशों पर कोई कार्रवाई नहीं की।

अब भी शहर में सरेआम डीजल के जनरेटर, ढाबों और होटल में तंदूर चल रहे हैं। पुराने वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। जगह जगह पर भवन निर्माण कार्य चल रहे हैं। प्रशासन ने ग्रेप के तहत भी कोई कार्रवाई नहीं की है। ईपीसीए के चेयरमैन ने निर्देश दिए हैं कि खुले में एक्सरसाइज ना करें। खुले में प्रशासन भी किसी भी तरह का आयोजन नहीं करेगा।

ग्रेप के तहत प्रशासन टीमों का गठन कर एक्टीविटी तेज करे, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने ग्रेप के तहत कोई कार्रवाई नहीं की। शुक्रवार को शहर का एक्यूआई 421 दर्ज किया गया। 15 अक्तूबर को दिल्ली - एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी कि ग्रैप लागू कर दिया गया था। इसके तहत इससे डीजल से चलने वाले जनरेटर व पारंपरिक ईंट भ पर प्रतिबंध लगा दिया था। बीते दो वर्षों से यह नियम दिल्ली में लागू हो रहा था, लेकिन एनसीआर के अन्य शहरों पर यह लागू नहीं हो रहा था। हालांकि आवश्यक सेवाएं जैसे अस्पताल में छूट दी गई थी। ये भविष्य में जारी रहेगा।

ग्रैप योजना के तहत दिल्ली समेत गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत और बहादुरगढ़ में भी डीजल जेनरेटर पर रोक रहेगी। हालांकि इनमें से कई शहरों के अधिकारियों का कहना है कि बैन के आदेश को लागू कराना मुश्किल होगा।

पानीपत देश का 11 वे नंबर का सबसे प्रदूषित शहर
एनजीटी की रिपोर्ट के अनुसार पानीपत प्रदेश का दूसरा व देश का 11 वे नंबर का सबसे प्रदूषित शहर है। पानीपत में अवैध रूप से 5 हजार से अधिक फैक्टरियां चल रही है। हर रोज यहां से 80 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। डाई हाउस में चप्पल व जूते जलाए जाते हैं।

Edited By

vinod kumar