आवारा पशुओं की बहुतायत से आमजन परेशान, सरकार 5 साल बाद भी नहीं निकाल पाई कोई तोड़

1/6/2020 10:04:16 AM

नारायणगढ़ (सुशील) : क्षेत्र में आवारा पशुओं विशेषकर बेसहारा गौवंश की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। अब तो हालात ये हैं कि शहर की सड़कों पर स्वछंद विचरण करने वाले इन पशुओं से आमजन परेशान हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में किसान के लिए भी ये पशु सिरदर्द बन चुके हैं। खेतों में घूम रहे झुंड किसान की फसल को चट कर रहे हैं लेकिन पिछले 5 सालों में कई डैड लाइन घोषित करने के बाद भी सरकार इसका कोई तोड़ नहीं निकाल पाई। 

हालांकि, शहर में एक बड़ी गौशाला है जहां सैंकड़ों गौवंश हैं लेकिन सीमित संसाधनों के चलते वह भी इन पशुओं को संभाल पाने में असमर्थ हैं। शहर का नागरिक अस्पताल क्षेत्र हो या पुराना बस अड्डा, सब्जी मंडी क्षेत्र आपको नारायणगढ़ में यहां-वहां आवारा पशुओं के झुंड के झुंड नजर आ जाएंगे। इन पशुओं में नंदी की संख्या काफी अधिक है अब तो यह पशु बिना किसी डर भय के सड़क के बीचों-बीच विश्राम करने को बैठ जाते हैं।

यही नहीं कई मर्तबा तो आपस में सड़क पर भिड़ जाते हैं जिससे दुर्घटनाओं का अंदेशा भी बना रहता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है। किसान की फसल को इन पशुओं से भारी नुक्सान हो रहा है। रविवार को गांव लौटों के किसानों ने इन आवारा पशुओं से तंग आकर इन्हें पकड़कर गांव के वृद्धाश्रम की चारदीवारी में बंद कर दिया और प्रशासन से इन आवारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग की।

किसान मनजीत सिंह, मोहित, रामकरण, तारा चंद सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि आवारा पशुओं ने उनका जीना मुश्किल कर रखा है। ये आवारा पशु जहां सड़कों पर दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं, वहीं चारे की तलाश में ये पशु किसानों के खेतों में खड़ी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि वे इस बारे एस.डी.एम. को भी अवगत करवा चुके हैं लेकिन आजतक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि अपनी फसलों को इन आवारा पशुओं से बचाने के लिए सर्दी के मौसम में रातभर जागकर अपनी फसलों की रखवाली करनी पड़ रही है। लोगों ने प्रशासन व सरकार से गुहार लगाई है कि इन आवारा पशुओं से उन्हें निजात दिलवाई जाए, ताकि वे आराम से अपना जीवन बसर कर सकें। 

Isha