पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के पिता का निधन, खट्टर ने जताया शोक

5/9/2018 8:03:42 AM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  हरियाणा के पूर्व मंत्री तथा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस जितेन्द्र चौहान के पिता श्री श्यामचंद का बीते दिन निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार चंडीगढ़ के सैक्टर 25 में आज  सायं 5.00 बजे होगा। 

श्री श्यामचंद के निधन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर सहित अन्य मंत्रियों व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने गहरा शोक व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि श्री श्यामचंद के सुपुत्र जस्टिस जितेन्द्र चौहान वर्तमान में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हैं। 

श्याम चंद बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनका जन्म 5 मार्च, 1932 को जिला सोनीपत के गावं लाठ में हुआ। उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और उन्होंने वर्ष 1960 में आईएएस की परीक्षा भी उतीर्ण की थी लेकिन आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देकर वे यूनाइटिड किंगडम चले गये। 

उन्होंने बीएचईएल की लंदन शाखा में कार्यकारी अधिकारी के रूप में भी कार्य किया। इसके पश्चात ब्रिटिश सिविल सर्विस में भी कार्य किया। वर्ष 1968 में वे बरौदा से विधायक चुने गए। उसके पश्चात वर्ष 1972 में भी वे पुन: विधायक चुने गए और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। उन्हें आबकारी एवं कराधान, खाद्य एवं आपूर्ति, शहरी विकास, ग्राम आयोजना, कालोनाइजेशन, सामाजिक कल्याण, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मंत्री बनाया गया था। 

उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत सी उपलब्धियां हासिल की, जिसके तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का सृजन किया और वे इसके फाउंडर चेयरमैन थे। उनकी उपलब्ध्यिों में हरियाणा जनरल सेल्स टैक्स एक्ट का प्रारूप, वर्ष 1974 में खरीद नीति से किसानों को लाभ पहुंचाया, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, एनसीआर के सृजन में अहम भूमिका, हरियाणा दहेज विरोधी अधिनियम, अनुसूचित जाति के लिए वित्तीय निगम की स्थापना, बेसहारों के लिए पेंशन योजना, हुडा के प्लाटों, सरकारी नौकरियों व शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए कार्य किया। हरियाणा के पूर्व मंत्री श्री श्याम चंद के कार्यकलापों के तहत ही एमआईटीसी का सृजन किया गया और विश्व बैंक से विभिन्न कल्याणकारी नीतियों के क्रियान्वयन के लिए उनके प्रयासों से ऋण भी स्वीकृत किया गया था। श्री श्याम चंद जिस कार्य को करने के लिए ठान लेते थे, वे उसे करके रहते थे। 

वह पंजाब विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य रहे और वे सोनीपत के डॉ० अम्बेडकर हॉस्टल के फाउंडर अध्यक्ष भी थे। वे हरियाणा यूनाइटेड नेशन एसोसिएशन के अध्यक्ष, इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशन एसोसिएशन के उपाध्यक्ष, वल्र्ड फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशन एसोसिएशन, जेनेवा के सदस्य भी रहे। उन्होंने देश और विदेश में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न गोष्ठियों और संगोष्ठियों में भाग लिया। श्री श्याम चंद  को किताबें लिखने का भी शौक था। उन्होंने विभिन्न आर्टिकल, शोध पत्रों सहित अन्य कई प्रकार की पुस्तकें भी लिखी। 

श्री श्याम चंद, जो  पूर्व  कैबिनेट मंत्री थे, उन्होंने मंत्री बनते ही अपनी सारी भूमि गरीबों को दान स्वरूप दे दी। इसके अलावा, उन्होंने एक इंग्लिश माध्यम पब्लिक स्कूल भी चलाया, जिसमें सभी जातियों और वर्गों के गरीब बच्चे पढऩे आते थे। उन्होंने अमरेकिा, यूनाइटिड किंगडम, कनाडा, स्विजरलैंड, रूस, जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रिया और मॉरिसियश जैसे देशों का भ्रमण भी किया था। 

Rakhi Yadav