लॉकडाउन: हरियाणा में एंट्री रोकने को पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और यूपी की सीमाएं सील

3/30/2020 5:11:25 PM

चंडीगढ़: हरियाणा ने काेराेना को हराने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। राज्‍य में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने पंजाब से आने वाले सभी लोगों की अपने राज्य में इंट्री पर रोक लगा दी है। हरियाणा ने पंजाब, दिल्‍ली, राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश से लगती अपनी सीमाओं को सील कर दिया है।

पंजाब में करीब 90 हजार लोग ऐसे हैं, जो विदेशों से आए हुए हैं, लेकिन वह न तो अपनी पहचान सार्वजनिक कर रहे और न ही बाहर निकलकर खुद को कारंटाइन के लिए सरकार के सामने पेश कर रहे हैं। केंद्र सरकार हालांकि इन लोगों की संख्या करीब 57 हजार बताती है।

पंजाब सरकार ने ऐसे छिपे हुए लोगों के पासपोर्ट रद्द करने का नीतिगत निर्णय ले लिया है, इसके बावजूद हरियाणा ने अपनी सतर्कता कम नहीं की है। प्रदेश में एक केस अंबाला अस्पताल में पाजीटिव मिला है, जो कि पंजाब का रहने वाला है। हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अनुसार हमें आशंका है कि पंजाब के ऐसे तमाम लोग हरियाणा में घुसकर संक्रमण फैला सकते हैं। ऐसी ही आशंका उन लोगों से भी है, जो हरियाणा मूल के हैं, मगर दूसरे राज्यों में नौकरी करते हैं तथा अब अपने प्रदेश में वापस आने के लिए लाइन में लगे हैं।

पुलिस अधिकारियों को गश्त बढ़ाने के आदेश जारी, प्यार से नहीं समझेंगे लोग तो सख्ती होगी
गृहमंत्री विज के अनुसार हरियाणा में एंट्री की उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। सभी पुलिस अधीक्षकों को सख्ती से लाकडाउन का अनुपालन कराने के आदेश दिए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति हरियाणा में आ भी जाता है तो उसके अलग से ठहरने और खाने पीने के साथ ही कारंटाइन का इंतजाम किया जा जाएगा। समाजसेवी संस्थाएं भी सरकार के साथ सहयोग करने में आगे आ रही हैं। अकेले अंबाला छावनी में लगाए गए कैंप में सूखा राशन आ रहा है, जिसमें 40 हिस्सों में महिलाओं को बांटकर खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति का बंदोबस्त किया गया है।

विज ने कहा- लोगों को घर जाने की अनुमति देने वाले इंडस्ट्री मालिकों की खैर नहीं
हरियाणा के गृह मंत्री ने माना कि जितने भी जरूरतमंद और कामगार लोग अपने घरों को जाने की जिद पर अड़े हैं, उसके लिए वह लोग जिम्मेदार हैं, जहां वे काम करते हैं। इन उद्योगपतियों, फैक्ट्री मालिकों अथवा दुकानदारों ने इनके लाॅकडाउन के दौरान 21 दिन की व्यवस्था करने की जहमत नहीं उठाई। यदि वे इसमें सक्षम नहीं थे तो सरकार से अनुरोध करते। सरकार उनकी मदद करती। लाॅकडाउन की अवधि बीत जाने के बाद ऐसे तमाम उद्योगपतियों, फैक्टरी मालिकों व संचालकों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी, जिन्होंने सभी कर्मचारियों, कामगारों, विद्यार्थियों, युवाओं और रोजमर्रा की जिंदगी बसर करने वाले लोगों को उनके हाल पर छोडकर अपने प्रदेश जाने के लिए मजबूर कर दिया है।

जो जहां है, उसे वहीं रोक सेफ हाउस में पहुंचाए पुलिस
अनिल विज ने बताया कि सभी प्रशासनिक अधिकारियों से कहा गया है कि जो व्यक्ति जहां पर है, उसे वहीं पर रोक कर उन्हें सेफ हाउस में पहुंचाया जाए तथा उनके लिए खाने पीने तथा रहने का बंदोबस्त किया जाए। लोगों को यह समझाना जरूरी है कि उनके लिए तथा समाज के लिए लाकड़ाउन का अनुपालन कितना जरूरी है। पुलिस अधिकारियों से भी कहा गया है कि वे गश्त बढ़ाएं तथा लोगों को पहले प्यार से समझाएं तथा लाॅकडाउन तोड़ने वाले लोग यदि समझें नहीं तो उनके विरुद्ध सख्ती से पेश आएं।

पैरा मेडिकल स्टाफ को मिलेगा जोखिम भत्ता
हरियाणा सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी के विरुद्ध जंग लड़ रहे पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य कर्मियों का हौसला बढ़ाने का निर्णय लिया है। अनिल विज ने कहा कि ऐसे पैरा मेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्हें सरकार जोखिम भत्ता प्रदान करेगी। बाकी कर्मचारियों को भी सुविधाएं देने पर विचार किया जा रहा है। कारंटाइन के दौरान अनुपालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ सरकार मुकदमे दर्ज करेगी। राज्य में फिलहाल करीब 10 हजार लोग ऐसे हैं, जो कारंटाइन अवधि में हैं।

 

Edited By

vinod kumar