Haryana: पुरुष कॉन्स्टेबल पद के उम्मीदवार के आवेदन पर करें दोबारा विचार... HC ने DGP को दिए आदेश

punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 04:25 PM (IST)

हरियाणा डेस्कः पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के डीजीपी को आदेश दिया है कि वे पुरुष कॉन्स्टेबल (जीडी) पद के उम्मीदवार अमित कुमार की उम्मीदवारी पर दोबारा विचार करें। कोर्ट ने कहा कि केवल सड़क दुर्घटना मामले में लंबित ट्रायल के आधार पर नियुक्ति ठुकराना नियमों के विपरीत है।

क्या है मामला?

महेंद्रगढ़ निवासी अमित कुमार ने पुरुष कॉन्स्टेबल के पद के लिए आवेदन किया था और सभी चयन चरणों को सफलतापूर्वक पूरा किया। इसी दौरान एक सड़क दुर्घटना प्रकरण में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई, जिसकी जानकारी उसने सत्यापन फॉर्म में ईमानदारी से दर्ज की थी। सितंबर 2023 में पुलिस एवं जिला अटॉर्नी ने सूचित किया कि मामला ट्रायल में लंबित है। बाद में 3 मई 2025 को ट्रायल कोर्ट ने शिकायतकर्ता के बयान को अविश्वसनीय पाते हुए अमित को बरी कर दिया।

अयोग्यता का विवाद

इसके बावजूद 18 अगस्त 2025 को उसकी उम्मीदवारी यह कहते हुए खारिज कर दी गई कि बरी होने का आदेश सत्यापन प्रक्रिया के बाद आया है।

अदालत ने क्या कहा?

जस्टिस जगमोहन बंसल की एकल पीठ ने कहा कि आरोप न तो नैतिक अधोपतन से जुड़े थे, न ही ऐसे अपराध के थे जिसकी अधिकतम सजा तीन वर्ष या उससे अधिक हो। पंजाब पुलिस नियम (जो हरियाणा में भी लागू हैं) ऐसे मामलों में अयोग्यता की अनुमति नहीं देते। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले रविंद्र कुमार बनाम स्टेट ऑफ यूपी का हवाला देते हुए कहा कि भर्ती प्राधिकरण को आरोपों की प्रकृति, घटना का समय, उम्मीदवार के आचरण और मामले के अंतिम परिणाम का समग्र मूल्यांकन करना चाहिए। यहां न केवल आरोप गंभीर नहीं थे, बल्कि उम्मीदवार ईमानदार रहा और अदालत से पूर्णत: बरी भी हो गया।

कोर्ट का निर्देश

इन परिस्थितियों को देखते हुए हाई कोर्ट ने हरियाणा के डीजीपी को निर्देश दिया कि उम्मीदवार के मामले की पुन: समीक्षा की जाए और यदि वह उपयुक्त पाया जाए, तो उसकी नियुक्ति की प्रभावी तिथि वही मानी जाए, जिस दिन उसे ज्वाइन करना था, ताकि उसे सभी सेवा लाभ निर्बाध रूप से मिल सकें।
 


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Content Editor

Deepak Kumar

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