पंजाब-हरियाणा व चंडीगढ़ में बढ़ रहे डेंगू मामलों पर HC सख्त, नोटिस जारी कर मांगा जवाब

10/28/2017 1:38:18 PM

पंचकूला(उमंग श्योराण): डेंगू के बढ़ते प्रकोप और इससे ट्राइसिटी सहित राज्यों में कई जगह होने वाली मौतों पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए समाचार पत्रों में छपी खबर पर संज्ञान लेते हुए सुओ मोटो नोटिस लिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पंजाब-हरियाणा सरकार सहित चंडीगढ़ प्रशासन को 2 नवम्बर के लिए नोटिस जारी कर मामले में स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। साथ ही पूछा है कि डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया की रोकथाम को लेकर क्या अहम कदम उठाए गए हैं। वहीं मामले में एमिकस क्यूरी के रूप में सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता को नियुक्त किया गया है। कोर्ट ने कहा कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की बढ़ती संख्या को लेकर कोर्ट द्वारा निरंतर मानिटरिंग न सिर्फ उचित बल्कि बहुत जरूरी है। इस समस्या से निपटने मेें नाकाम रहने पर कोर्ट का हस्तक्षेप करना जरूरी हो गया था। 

इस बीमारी की रोकथाम न करने के परिणामों से न सिर्फ जिंदगी का नुक्सान होता है बल्कि जिंदगी में अपरिवर्तनीय नुक्सान होता है। कोर्ट उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना चाहता है जो अपनी वैधानिक ड्यूटी तथा सार्वजनिक कानूनी दायित्वों को पूरा करने में नाकाम पाए जाते हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि इन राज्यों समेत यू.टी. के स्वास्थ्य विभाग तेजी से फैल रहे डेंगू पर काबू पाने के लिए तैयार नहीं हैं। समाज के सबसे पिछड़े और कमजोर वर्ग इसकी ज्यादा चपेट में हैं। राज्य सरकारें इसे रोकने के लिए उचित्त कदम नहीं उठा रही हैं। 

खबरों का हवाला दे बताएं हालात
हाईकोर्ट ने छपी खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि मोहाली में कई जगह अस्वच्छ हालात हैं, कचरा फैला है, खुली नालियां ओवरफ्लो कर रही हैं, जंगली पौधे बढ़ रहे हैं और फॉगिंग भी कभी-कभी ही हो रही है। लोग डेंगू, मलेरिया व अन्य मौसमी बीमारियों का शिकार बन रहे हैं। जानकारी के मुताबिक 21 अक्तूबर, 2017 तक मोहाली के स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक डेंगू के 1759 संदेहजनक केस पाए हैं जिनमें से 1112 टेस्ट पॉजिटिव पाए गए। डेंगू से 3 मौते हो चुकी है। वर्ष 2016 में भी 2088 डेंगू के केस सामने आए थे व मोहाली में 4 मौतें हुई थीं। एक खबर के मुताबिक हरियाणा में डेंगू के 1443 केस रिपोर्ट हुए हैं। इनमें सबसे अधिक केस रोहतक में हैं। वहीं एक खबर के मुताबिक मोहाली में डेंगू के 26 नए केस सामने आने से आंकड़ा 1200 पार कर गया। 

डेंगू कंट्रोल प्रोग्राम शुरू करने की आवश्यकता
हाईकोर्ट ने कहा कि देश में इस वक्त डेंगू की समस्या को देखते हुए नियमित बजट प्रावधान के तहत एक डेंगू कंट्रोल प्रोग्राम शुरु करने की जरूरत है। प्रतिदिन डेंगू के मामले और इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह स्पष्ट है कि राज्य सरकारों द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा इस बीमारी को रोकने के लिए जारी तरीकों व सुझावों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। हाईकोर्ट ने कहा कि न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक हॉस्पिटल्स समेत सरकारी ऑफिस व बिल्डिंग्स मच्छर पैदा होने की अहम जगह है। सरकारी एजैंसियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकारी बिल्डिंग्स व ऑफिसों में मच्छर पैदा न हों। मच्छरों व इनके लारवा को मारने के लिए तेजी से उपाय करने की आवश्यकता पर हाईकोर्ट ने बल दिया। यदि राज्य सरकार अपनी ड्यूटी में नाकाम साबित होती है तो केंद्र की भी भूमिका पैदा होती है।

नियंत्रण के लिए जागरूकता जरूरी
डेंगू पर नियंत्रण पाने के लिए इनके पैदा होने, बढ़ने आदि पर नजर रखना जरूरी है। हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून आदि के जरिए प्रेरित करने की आवश्यकता है जिसमें सामुदायिक रूप से सहभागिता होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने डेंगू-मलेरिया आदि की रोकथाम के लिए देश में निर्मित संस्थाओं का जिक्र करते हुए कहा कि डब्ल्यू.एच.ओ. की चेतावनी के बावजूद कोई स्थायी डेंगू नियंत्रण कार्यक्रम नहीं है। ऐसे में संबंधित अथॉरिटीज द्वारा ड्यूटी की अवहेलना और लापरवाही सामने आती है। उचित्त समय में डेंगू की रोकथाम को लेकर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।