हरियाणा विधानसभा को अपने हिस्से की पूरी जगह नहीं दे रहा पंजाब

3/30/2018 11:37:21 AM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा विधानसभा को पेपर लेस करने के लिए हरियाणा विधानसभा के पास पर्याप्त जगह न होने के कारण यह मामला बीच में ही लटका हुआ है। पंजाब व् हरियाणा के अलग होने से पहले विधानसभा चंडीगढ़ में हुआ करती थी।  वर्ष 1966 में हुए पंजाब -हरियाणा के चंडीगढ़ में बंटवारे के तहत 60-40 का अनुपात हरियाणा विधानसभा में भी बनता है। मगर विधानसभा में इस बंटवारे के अनुपात से कहीं कम 26 प्रतिशत के लगभग हिस्सा ही हरियाणा को मिला हुआ है। हरियाणा ने कई बार इस बारे में पत्राचार करके पंजाब विधानसभा अध्यक्ष को हरियाणा के हक के हिसाब से 40 प्रतिशत क्षेत्र विधानसभा में देने की बात कही  है। मगर आज तक पंजाब ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाए है।

हरियाणा विधानसभा में 320 लोगों का स्टाफ है। जहां बैठने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है, एक-एक कमरे में चार-चार ब्रान्चिस चल रहीं है। व्यवहारिकता में एक कमरे में एक अफसर बैठना चाहिए। मगर हरियाणा विधानसभा के अंदर एक-एक कमरे में कई ऑफिसर केबिन बना काम चला रहें है। विधानसभा में अधिकांश कमरे पंजाब के पास है। इस मुद्दे पर पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा ने कांग्रेस सरकार में जहां काफी प्रयास किए। वहीं वर्तमान स्पीकर कंवर पाल गुज्जर ने भी पंजाब से कई पत्र लिखे है। गुज्जर जो हरियाणा विधानसभा को "पेपर लैस "बनाने के लिए प्रयास रत है उनका मानना है कि जगह की कमी के कारण पेपर लैस प्रोजेक्ट में दिक्क्त आई है। अभी तक पेपर लेस मामले में सिर्फ 60 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो सका है।


विधानसभा को हाई टेक करने पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुज्जर ने कहा कि विधानसभा की कार्रवाई में काफी हद तक पेपर लेस करने का प्रयास किया गया है। वहीं, पिछले विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा में बजट भी सीडी के जरिये रखा गया था। विधानसभा की कार्रवाई पूरी तरह से पेपरलेस हो सके इसके लिए उनके प्रयास जारी है।पंजाब विधानसभा अध्यक्ष से भी उन्होंने हरियाणा को विधानसभा में और कमरे व् जगह देने के लिए कई बार पत्राचार किया है। गुज्जर ने कहा कि हरियाणा विधानसभा को पेपर लैस करने की मुहिम में 60 प्रतिशत सफलता मिली है। हरियाणा व पंजाब विधानसभा दोनों का क्षेत्रफल बंटवारे के हिसाब से 60 व 40 प्रतिशत का होना चाहिए।जो कि वर्तमान में हरियाणा के पास मात्र 27-28 प्रतिशत है, बाकी के हिस्से पर कब्जा पंजाब का है। जिससे बैठने के स्थान की कमी के कारण दिक्कत है।देश की ज्यादातर विधानसभाएं पेपर लैस हो रही है इसमें कुछ समस्याएं भी है क्योंकि सभी सदस्य उस पर अभी फिट नही बेठेते है। हरियाणा के लिए थोड़ा जगह की कमी भी है अभी 23 सदस्यों का स्टाफ चाहिए और स्थान की कमी भी है। धीरे-धीरे हम इस काम को कर रहे है लगभग 60%तक काम को कर चुके है।


 

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