नैशनल हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ पंजाब के किसानों का फिर बढ़ा आवागमन

2/4/2021 9:50:27 AM

करनाल : किसानों के आंदोलन ने एक बार फिर गति पकड़ी है। इसी शृंखला में बुधवार को सैंकड़ों की संख्या में पंजाब के किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ दिल्ली जाते नजर आए। इधर, कृषि कानूनों के विरोध में 36 बिरादरियों का सहयोग मिलने के बाद जिले गांवों में पंचायतें की जा रही है। जिले के कई गांवों में किसान आंदोलन में न जाने वालों पर जुर्माना फैसला भी लिया गया है। बुधवार को प्योंत और बसताड़ा टोल पर काफी संख्या में किसानों ने पहुंच कर खेती कानूनों का विरोध किया। हाईवे पर उचाना लेख, तरावड़ी, बसतांडा, प्यौंत में किसानों के लिए लगे लंगर पर भीड़ दिखाई दी।  

जजपा में बगावत शुरू तेज, आई.टी. सैल ने दिया इस्तीफा
जजपा जिलाध्यक्ष इन्द्रजीत गोराया के जिलाध्यक्ष के इस्तीफा देने के बाद अब करनाल के जजपा कार्यकत्र्ताओं में बगावत के सूर तेज हो गए है। इसी कड़ी में बुधवार को किसान आंदोलन के समर्थन में जननायक जनता पार्टी के आई.टी. सैल करनाल के जिला प्रधान बहादुर सिंह ने सैक्टर-12 स्थित जाट भवन में मीटिंग कर पार्टी को छोडऩे का ऐलान कर दिया। उनके साथ जिला की आई.टी. सैल टीम ने पार्टी छोड़ दी जो  पार्टी छोडऩे वालों में आई.टी. सैल घरौंड़ा हलका प्रधान दलबीर संधू, आई.टी. सैल हल्काध्यक्ष दीपक शर्मा नरुखेड़ी, इनसो जिला प्रभारी मीडिया शहनुर शरण व आई.टी. सैल के घरौंडा महासचिव शामिल हैं।  

गाडिय़ों पर किसान यूनियन के झंडे व स्टीकर लगने का क्रेज बढ़ा 
किसान आंदोलन को समर्थन देने वाले लोगों द्वारा गाडिय़ों व बाइकों पर किसान यूनियन के झंडे व स्टीकर लगाए गए हैं। इसी तरह की सैंकड़ों गाडिय़ां हर रोज शहर में दिखाई दे रही हैं, जिन पर बड़े-बड़े किसान यूनियन के झंडे तथा स्टीकर लगे हुए हैं। गाडिय़ों पर लगे झंडे व स्टीकर लगाकर चलने वाले लोगों का कहना है कि वह दिल्ली जाकर आंदोलन में शामिल नहीं हो सकते, मगर गाडिय़ों पर झंडे व स्टीकर लगा कर आंदोलन को समर्थन जरूर कर सकते हैं।  

इन गांवों में शुरू हुआ पंचायतों का दौर
जिले के असंध हलके के गांव जलमाना, रतक, खंडाखेड़ी, बल्ला, सालवन, जयसिंह पुरा, प्योंत, खेड़ीनरू सहित कई गांवों में 36 बिरादरी के लोगों द्वारा किसानों के समर्थन में पंचायत की गई। वहीं नीलोखेड़ी विधानसभा क्षेत्र के गांव निगदू, पतनपुरी, कोयर, सौंकडा, कारसा, बिडबडाला, जांबा, हैबतपुर, बुटाना, सांवत तथा इंद्री व घरौंडा हल्के के गई गांवों में पंचायतें की गई जिमसें फैसला किया गया कि हर घर से किसानों आंदोलन के लिए आॢथक मदद तथा एक मैंबर को धरना स्थल पर पहुंचने, राशन सामग्री पहुंचाने, गांव में सत्ताधरी पार्टियों के नेताओं को बहिष्कार करना शामिल है।  

Manisha rana