विधानसभा व लोकसभा चुनाव में पंजाबी बिरादरी निभाएगी अहम भागीदारी: बत्तरा

9/14/2018 10:59:39 AM

कुरुक्षेत्र(धमीजा) : भले ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2019 होने हैं परंतु विभिन्न दलों के नेताओं ने चुनावी रणभेरी का बिगुल बजा दिया है। सभी दलों के नेता फील्ड में युद्धस्तर पर तैयारियों में जुट गए हैं। कई दशकों से प्रदेश की राजनीति में जातिगत समीकरणों का प्रभाव रहा है। हरियाणा की राजनीति में पंजाबी मतदाताओं का हमेशा प्रभुत्व रहा है। वर्ष 1966 के बाद जिस भी दल की सरकार बनी, उसमें पंजाबियों के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। भजनलाल सरकार में 11-11 मंत्री पंजाबी बिरादरी के रहे हैं। प्रदेश की राजनीति में पंजाबी बिरादरी की महत्ता, सामाजिक मुद्दों व भावी रणनीति को लेकर अखिल भारतीय पंजाबी जागृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एंव प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री सुभाष बत्तरा से खुलकर बातचीत की गई। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश। 

प्रश्न : कई कद्दावर पंजाबी नेताओं की अतीत की राजनीति में तूती बोलती रही है। अब पंजाबी राजनीति शून्य सी हो गई, क्या कारण रहे?
उत्तर : प्रदेश में कोई भी सरकार बनी, वह हमेशा पंजाबियों के बलबूते पर ही बनती आई है। पंजाबी एक जाति नही एक कल्चर है। इस वर्ग के साथ 36 बिरादरी के लोग, जो पाकिस्तान से यहां आकर बसे थे, साथ रहे और खानपान व भाईचारा एक समान रहा। जिस भी दल ने पंजाबी समाज का तिरस्कार किया, वह पार्टी 'यादा देर तक सरकार नहीं चला सकी।

प्रश्न : क्या कोई पंजाबी सम्मेलन निकट भविष्य में करने का विचार है? 
उत्तर : जल्द ही एक विशाल राज्यस्तरीय पंजाबी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें लाखों की संख्या में पंजाबी समाज के लोग भाग लेंगे। सम्मेलन में राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा देश विदेश की कई दिग्गज हस्तियों व पंजाबी कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा। सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने वाली प्रमुख हस्तियों को सम्मानित भी किया जाएगा।
 

Rakhi Yadav