पंजाबी समाज प्रदेश की 30 सीटों को जीतने का रखते हैं मादा :सुभाष बत्रा

12/26/2020 5:13:27 PM

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा में ठीक चुनावों से पहले पंजाबी संगठनों के नाम पर अपने राजनीतिक हित साधे जाते रहे हैं। लेकिन चुनावों के ठीक बाद यह पानी के बुलबुलों की तरह बैठ जाते रहे हैं। लेकिन अभी चुनावों का दौर नहीं है। उसके बावजूद पंजाबी समुदाय को मजबूत करने का दावा हो रहा है अब यह सच में पंजाबी समुदाय की भलाई के लिए है या किसान आंदोलन के समय मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ कोई षड्यंत्र है।

इस बात के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। आज पूर्व गृह राज्य मंत्री एवं कथित बड़े पंजाबी हितेषी नेता सुभाष बत्रा ने चंडीगढ़ में पंजाब केसरी से बातचीत की। जिसमें उन्होंने मनोहर लाल खट्टर को जहां अपने समाज का बताया। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि मनोहर लाल अपने नाम के पीछे खट्टर लगाते समय भी एतराज करते हैं और कहते हैं कि मैं किसी एक जाति से नहीं बल्कि सभी जातियों का हूं। बतरा से हुई बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं

प्रशन:- क्या कारण है कि आपको लगता है कि पंजाबियों को संगठित किया जाए?
उत्तर:-
मैंने 40 साल तक पंजाबियों के लिए संघर्ष किया है और पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर इन्हें जागृत करने का काम किया है। जब हरियाणा के मुख्यमंत्री भजन लाल हुआ करते थे तो 11-11 मंत्री हमारे समाज से होते थे और हमेशा मेरी मांग यही रही है कि मुख्यमंत्री हमारे समाज का होना चाहिए। जब जॉइंट पंजाब था तो मुख्यमंत्री कामरेड रामकिशन होते थे।

प्रशन:-मनोहर लाल खट्टर भी आपके समाज से हैं तो फिर उनमें क्या बुराई है? 
उत्तर:-  
जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी बने चाहे वह भाजपा से थे फिर भी खुशी हुई।  35 साल तक लगातार इस प्रदेश में एक ही समाज का राज रहा 90% नौकरियां उन्हीं के कहने पर लगी और हमारे समाज को नौकरियों के मामले में बिल्कुल नजरअंदाज रखा गया। इसलिए मेरा मानना है कि संगठन को फिर से खड़ा करने की जरूरत है। मनोहर लाल खट्टर बार-बार यह बात दोहराते हैं कि मैं किसी एक समाज से नहीं सभी जातियों से हूं। लेकिन मेरा मानना है जिस समाज में हमारा जन्म हुआ हमें गर्व से कहना चाहिए कि मैं उस समाज से हूं। मैं केवल प्रदेश ही नहीं पूरे देश में पंजाबी समाज के मुद्दों को उठाना चाहता हूं। कभी राष्ट्रीय लेवल पर एचकेएल भगत, माकन जैसे लोग नेता होते थे। यूनियन मिनिस्टर होते थे। कुलवंत सिंह, कुलदीप नैयर जैसे लोग पत्रकार थे। हम पंजाबियों ने देश ही नहीं विश्व में बड़े कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उद्योग जगत की बात हो, स्वास्थ्य सेक्टर की बात हो या फिर शहीदों के मामले में भी हमारा समाज सबसे आगे रहा है। लेकिन आज हम अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं।

प्रशन:- पंजाबियों के बहुत से संगठन खड़े हुए और सब ने अपना राजनीतिक हित साधा है?
उत्तर:-
पंजाबी मेन खुदरा व्यापारी हैं और देश आजाद होने के बाद इंस्पेक्टर राज का डंडा सबसे ज्यादा व्यापारी पर पड़ा है। हम दबे रहे हैं। इसलिए मेरा मानना है कि समाज के लोगों को ज्यादा से ज्यादा राजनीति में आना चाहिए। विधानसभा, लोकसभा में हमें पहुंचना चाहिए। हमें पावर चाहिए।ताकि हम अपने नौजवानों को, बेरोजगारों को अपने समाज के लोगों को नौकरियां दिलवा सके। खट्टर जी के बनने के बाद कोई भी एक बात इनमें से पूरी नहीं हो सकी। इनके ऊपर आर एस एस का कंट्रोल है। पंचकूला के मेयर की बात आई तो मुख्यमंत्री आकर कहते हैं कि अग्रवाल यहां बहुतायत में हैं। वहां के विधायक ज्ञानचंद गुप्ता मौके के स्पीकर हैं और कैंडिडेट गोयल है इसलिए उनका बनना निश्चित है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या वहां के मेयर को अग्रवालों के अलावा किसी के वोटों की जरूरत नहीं है।

प्रशन:- पंजाबी संगठन फरीदाबाद, रोहतक, करनाल में और भी कई जगह बनाए गए। लेकिन पानी के बुलबुले की तरह खत्म हो गए क्या कारण है?
उत्तर:-
भजनलाल के वक्त 11 मंत्री हमारे समाज से थे। प्रदेश पुलिस का सर्वोच्च पद डीजीपी हमारे समाज से था। पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन, एसएससी बोर्ड के चेयरमैन हमारे समाज से थे। रही बात फरीदाबाद से ऐसी चौधरी जी की हमने पिछले दिनों चंडीगढ़ में इकट्ठे प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जिसमें परीक्षित मदान जी भी थे और रही पंजाबी सभाओं की तो लगभग हर समाज केस बहुत से संगठन होते हैं।

 

प्रशन:-  पंजाबी बच्चे नौकरी से दूर मुद्दा तो अच्छा है, लेकिन इसका समाधान क्या है?
उत्तर:-
आज हमारे बच्चे अच्छी शिक्षा पाकर विदेशों में मल्टीनेशनल कंपनियों में जा रहे हैं। क्योंकि वह समझ रहे हैं कि इस प्रदेश में उन्हें नौकरियां नहीं मिलेंगी। इसलिए मैं चाहता हूं कि हमारी सत्ता में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी होनी चाहिए।

प्रशन:- संगठन के विस्तार को लेकर आप की क्या रणनीति है, क्या सोच है?
उत्तर:-
हम पूरे प्रदेश में, चंडीगढ़ में, नेशनल लेवल पर हर महत्वपूर्ण बड़े शहरों में जाकर लोगों से मिलेंगे, जागरूक करेंगे। खासतौर पर ऊर्जावान बेरोजगार युवकों को अपने साथ जोड़ेंगे। यह हमारा अभियान है मेरी उम्र 74 साल की है और जब तक जिऊंगा संघर्ष करता रहूंगा।

प्रशन:- हरियाणा में कुल आबादी के हिसाब से पंजाबियों का कितना अनुपात है?
उत्तर:-
हरियाणा में पंजाबी समुदाय 22 से 23 प्रतिशत है और यह 25 से 30 विधानसभाओं में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं और यह सीटें जीतने का माद्दा रखते हैं। जब चौधरी देवीलाल ने डॉक्टर मंगलसेन के साथ समझौता किया था तो 14 विधायक बना कर लाए थे। भजनलाल के समय हमारे 16 विधायक थे। लेकिन आज हमारा समाज इससे भी ज्यादा विधायक जीतने की ताकत रखता है। हम पूरे देश के हर छोर तक जाएंगे और इस मुहिम को कामयाबी तक लेकर जाएंगे।

 

    

Isha