निजी स्कूल अध्यापकों से कोविड टैस्ट की फीस लेने पर उठे सवाल, भेदभाव का आरोप

9/22/2020 10:09:46 AM

डेस्क : फैडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष और निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने हरियाणा सरकार पर प्राइवेट स्कूल के अध्यापकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। हरियाणा सरकार से विशेषकर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मांग की है कि अध्यापकों का कोरोना टैस्ट सरकारी स्कूल के अध्यापकों की तरह मुफ्त किया जाए।

स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख मांग की कि प्राइवेट स्कूल के अध्यापकों का भी सरकार पर उतना ही हक है जितना सरकारी स्कूल का। स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में मामले को लाते हुए कहा कि 80 प्रतिशत स्कूल को नाममात्र 1 से 2 प्रतिशत फीस प्राप्त हुई है और 80 प्रतिशत ही स्कूल की पिछले वर्ष की भी 25 से 50 प्रतिशत फीस बकाया है। ऐसे में अधिकांश स्कूल अध्यापकों को भी वेतन नहीं दे पा रहे हैं। 

कोरोना टैस्ट के नाम से लिए जाने वाले पैसे से प्राइवेट स्कूल के अध्यापकों की कमर ही टूट जाएगी। उन्होंने कहा कि समान सुरक्षा का अधिकार सभी को उपलब्ध करवाना उनका संवैधानिक दायित्व है। पत्र में कहा कि आपने हमेशा सबको एक समान समझा है फिर ऐसी महामारी के दौर में प्राइवेट स्कूलों के अध्यापकों को अकेला कैसे छोड़ सकते हैं जबकि आॢथक संकट से भी सरकारी अध्यापकों से ज्यादा जूझ रहे हैं।  फैडरेशन और निसा ने मांग की है कि प्राइवेट स्कूलों के अध्यापक मुद्दे पर आपसे मांग करते हैं कि आप तुरंत भेदभाव पूर्व फैसले को वापस करवाएं और कम से कम इस महामारी के दौर में समानता का अधिकार दिलवाएं।

Isha