राहुल गांधी के स्वदेश लौटते ही होगा हरियाणा कांग्रेस में बदलाव!

7/19/2019 9:52:22 AM

फरीदाबाद (महावीर): राहुल गांधी के विदेश जाने से प्रदेश कांग्रेस में बदलाव का मामला फिर लंबित हो गया है। दरअसल, हुड्डा गुट के शक्ति प्रदर्शन के बाद राहुल गांधी द्वारा उन्हें 15 जुलाई तक प्रदेश कांग्रेस में बदलाव का आश्वासन दिया गया था लेकिन उनके अचानक विदेश चले जाने से बदलाव का मामला पुन: लटक गया है। हुड्डा समर्थकों को अब राहुल गांधी के स्वदेश लौटने का इंतजार है। उनके स्वदेश लौटते ही प्रदेश कांग्रेस में बदलाव कर दिया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष की नई नियुक्ति के साथ-साथ प्रदेश के अन्य कांग्रेसी नेताओं को भी कार्यकारिणी में महत्वपूर्ण स्थान दिया जाएगा। इसके साथ-साथ अशोक तंवर का कद भी घटाने की बजाय बढ़ाया जाएगा।

संभवत: उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान दे दिया जाए। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली स्थित कार्यालय से जुड़े सूत्रों अनुसार हरियाणा कांग्रेस में बदलाव 15 जुलाई तक हो जाना था लेकिन कुछ कारणों से यह लंबित हो गया जो अब राहुल गांधी के स्वदेश लौटने के बाद किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में कांग्रेस की गुटबाजी चरम पर है। प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच जहां छत्तीस का आंकड़ा है वहीं कुलदीप बिश्नोई,किरण चौधरी, रणदीप सुर्जेवाला, कुमारी शैलजा व कैप्टन अजय यादव भी अपने-अपने समर्थकों के साथ अलग राजनीति करते हैं। 

हुड्डा गुट द्वारा लगातार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर को बदलने की मांग हाईकमान से की जा रही है लेकिन तंवर की गांधी परिवार में मजबूत पैठ होने से उन्हें बदला नहीं गया। वहीं कांग्रेस के विश्वसनीय सूत्रों से खुलासा हुआ कि राहुल गांधी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 15 जुलाई तक प्रदेश कांग्रेस में बदलाव का आश्वासन दिया था। यही कारण था कि हुड्डा ने अपने शक्ति प्रदर्शन में कोई निर्णय नहीं लिया था। 15 जुलाई के बाद भी जब परिवर्तन नहीं हुआ तो इस संदर्भ में बात की ही जा रही थी कि 17 जुलाई को राहुल गांधी विदेश चले गए। सूत्रों अनुसार वह लगभग एक सप्ताह में लौटेंगे। अब उसके बाद ही हरियाणा के मामले में कोई निर्णय लिया जा सकेगा। 

हुड्डा परिवार से नहीं होगा प्रदेशाध्यक्ष
प्रदेश कांग्रेस में बदलाव होने की स्थिति में भी प्रदेश अध्यक्ष न तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा स्वयं होंगे और न ही उनके परिवार का कोई व्यक्ति होगा। सूत्रों के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष हुड्डा की मर्जी से तय होगा लेकिन इसके बावजूद वे दीपेंद्र हुड्डा को अध्यक्ष नहीं बनाएंगे। सूत्रों अनुसार प्रदेश कांग्रेस में बदलाव के बाद बनाई जाने वाली कार्यकारिणी की रूपरेखा लगभग तैयार हो चुकी है। नए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद भी अशोक तंवर का सम्मान बरकरार रहेगा। सूत्रों अनुसार उन्हें राष्ट्रीय कांग्रेस में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। सूत्रों अनुसार नई कार्यकारिणी में प्रदेश के अन्य दिग्गज नेताओं को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया जाएगा। 

यूं ही खारिज नहीं हुई थी तंवर की कमेटी
विधानसभा चुनावों को लेकर अशोक तंवर द्वारा चुनाव प्रबंधन समिति को हाईकमान ने यूं ही खारिज नहीं किया था। उसको खारिज करने के पीछे अहम बात यह भी थी कि भूपेंद्र हुड्डा ने इस समिति के गठन का पुरजोर विरोध जताया था। इसके साथ-साथ अन्य नेताओं ने भी इस कमेटी के औचित्य पर सवाल खड़े किए थे। कांग्रेस हाईकमान हुड्डा गुट के विधायकों को किसी भी हाल में खोना नहीं चाहती थी इसलिए न केवल हुड्डा गुट को 15 जुलाई तक बदलाव का आश्वासन दिया गया था बल्कि अशोक तंवर द्वारा बनाई गई चुनाव प्रबंधन समिति को भी खारिज कर दिया गया। इस मामले में अचानक गुलाम नबी आजाद का मीडिया के सामने रू-ब-रू होना उस समय भी पर्दे के पीछे कुछ हलचल के संकेत दे रहा था।

Edited By

Naveen Dalal