रेल रोको आंदोलन: हरियाणा में पटरियों पर किसानों ने डाला डेरा, तस्वीरों में जानें पूरा हाल

2/18/2021 5:29:27 PM

हरियाणा (ब्यूरो): केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने वीरवार को रेल रोको अभियान चलाया। किसानों ने 12 बजे से लेकर 4 बजे तक रेल रोकने का ऐलान किया था। इसका असर हरियाणा में देखने को मिला। किसानों ने ट्रैक पर बैठकर धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रेल रोकने से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं सुरक्षा के मध्यनजर पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए। हरियाणा पुलिस और रेलवे पुलिस के जवान मौके पर मौजूद रहे।



तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर रेल रोको अभियान के तहत फतेहाबाद के भट्टू कलां रेलवे स्टेशन पर किसानों ने ट्रैक पर धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान किसान नेता रामकुमार बहबलपुरिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 56 इंच का सीना रखने वाले ने देश की लाल किला जैसी ऐतिहासिक इमारत को गिरवी रख दिया है और अब सार्वजनिक क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने के प्रयासों में सरकार लगी है। इसी कोशिश के तहत सरकार ने तीनों कृषि कानून लागू किए हैं और इनके तहत किसानों की फसलों/जमीनों को सरकार निजी हाथों में देने जा रही है। किसान ऐसा किसी भी सूरत में नहीं होने देंगे और इसलिए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन चल रहा है।



पंचकूला में कृषि कानून के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने रेलवे ट्रैक जाम किया। सेक्टर 19 में रेलवे ट्रैक पर सैकड़ों किसान धरने पर बैठे। इस दौरान किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। रेलवे ट्रेक पर जाम लगाए जाने के चलते सुरक्षा के मध्यनजर पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए। हरियाणा पुलिस के जवान मौके पर मौजूद रहे। 



यमुनानगर जगाधरी रेलवे स्टेशन पर किसानों ने रेल ट्रैक पर बैठ धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि जब तक ये कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। ये सरकार को चेतावनी है अभी तो किसानों ने जीटी रोड पर तंबू गाड़े हैं, अगर सरकार नहीं मानी तो रेल ट्रैक पर भी तंबू लगा देंगे।



किसान संघर्ष समिति ब्लॉक जाखल के साथ-साथ अन्य हजारों की संख्या में किसान, महिलाएं जाखल रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर ट्रैक के बीचो बीच बैठे और विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान किसानों ने विपक्षी दल कांग्रेस, इनेलो व अन्य दलों के खिलाफ भी नारेबाजी की। किसानों ने मांग करते हुए कहा कि जो कानून उन पर थोपे गए हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। 



सिरसा के रेलवे स्टेशन पर विरोध का किसानों ने अनोखा तरीका अपनाया। यहां संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर रेल रोकने के लिए पहुंचने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने मालगाड़ी के डिब्बे पर फूल-मालाएं पहनाकर देश व प्रदेश की जनता तथा रेलवे विभाग से असुविधा के लिए माफी मांगी। रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के लिए ड्यूटी मैजिस्ट्रेट, पुलिस कर्मी व दमकल की व्यवस्था की गई थी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गूंगी बहरी सरकार को जगाने के लिए कभी सड़क तो कभी रेलवे रोकने को मजबूर हो रहे हैं। जब तक कृषि कानून वापस नहीं होते, इसी तरह आंदोलन जारी रहेगा।



अंबाला में भी किसानों ने 4 घंटे तक रेल ट्रैक जाम रख कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। इस दौरान किसानों ने पुलिस कर्मियों को फूल दिए और वायदा किया कि उनका प्रदर्शन शांतपूर्ण रहेगा पुलिस  चाहे जो कार्रवाई कर ले। वहीँ पुलिस ने कहा जैसी प्रतिस्थितियां होंगी वैसी कार्रवाई होगी। 
 

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Content Writer

vinod kumar