रोहतक में फिर सामने आया भाजपा-जजपा का वीभत्स चेहरा: राजन राव

4/5/2021 5:08:35 PM

गुरुग्राम (गौरव): हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष कुमारी शैलजा के राजनीतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने रोहतक में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्होंने आंदोलन और उन्माद में फर्क की बात कही है। राव ने कहा कि मुख्यमंत्री सही कह रहे हैं। आंदोलन और उन्माद करने वालों में जनता फर्क करना समझ चुकी है। रोहतक में एक बार फिर भाजपा-जजपा सरकार का उन्माद से भरा वीभत्स चेहरा उजागर हो गया है। 

लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है, विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन जनता के विरोध को लठतंत्र से दबाया जा रहा है। निहत्थे लोगों पर बर्बरता की जा रही है। बुजुर्गों तक को दौड़ा दौड़ा कर लाठियों से मारा जा रहा है। प्रदेश के सीएम अपनी करनी और करतूत पर आंसू बहाने की बजाय विरोध करने वालों पर ही आरोप लगा रहे हैं। क्या जनता सब देख और समझ नहीं रही है कि आंदोलन कौन और किस तरीके से कर रहा है और उन्माद कौन फैला रहा है? 

आंदोलन शुरू हुआ तब भी हरियाणा सरकार ने ही किसानों पर  बर्बरता की सारी हदें पार कर दी थी। तब से लेकर आज तक सरकार का अड़ियल रुख कायम है। मुख्यमंत्री कहते हैं की भाजपा और जजपा नेताओं के विरोध से आहत हैं तो यह बेहद शर्मनाक है। प्रदेश का मुखिया 300 किसानों की शहादत पर आहत नहीं होता, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज जैसी घिनौनी घटना पर आहत नहीं होता? ग्रामीणों के नाम खुली चिट्ठी लिख कर सीएम क्या साबित करना चाहते हैं। चिठ्ठी के माध्यम से सीएम आंदोलनरत किसानों को उन्मादी बता रहे हैं। जबकि जनता सब जानती है कि असली उन्माद तो प्रदेश सरकार कर रही है। 

इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। अगर सीएम मनोहर लाल में जरा भी शर्म और नैतिकता बची है तो तत्काल अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए। अपने आपको फकीर कहने वाले व्यक्ति को कुर्सी का इतना मोह क्यों है, यह समझ से परे। सीएम को अपनी कुर्सी बचाने और अपने आकाओं को खुश करने के लिए ना प्रदेश का भला नजर आ रहा है और ना ही प्रदेश की ढाई करोड़ जनता का। उन्हें केवल अपनी कुर्सी सलामत रखनी है। 

इसके लिए जनता पर चाहे जो जुल्म ओ सितम करने पड़े। शर्मा ने कहा कि अभी तक किसान शांति से अपने हक की लड़ाई लड़ रहा था, लेकिन सरकार किसानों को शांति छोड़ने पर मजबूर कर रही है। अब किसान के आक्रोश का सामना सरकार नहीं कर पाएगी, इसके लिए कितनी भी लाठियां चलवा लें। उन्होंने कहा कि सरकार बेनकाब हो चुकी है। अब किसान पर हर जुल्म का हिसाब उसे देना होगा। प्रदेश की ढाई करोड़ जनता के साथ किए विश्वासघात का हिसाब उसे देना होगा।

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Content Writer

vinod kumar