डेरा प्रकरण से नुक्सान के आंकलन में जुटी सरकार

9/1/2017 10:06:59 AM

चंडीगढ़(बंसल/पांडेय): डेरा प्रकरण के दौरान ठप्प बस व रेल सेवाओं से लेकर आगजनी में स्वाहा सपत्ति के नुक्सान का आंकलन शुरू हो गया है। सरकार के उच्चाधिकारी नुकसान की समीक्षा कर रहे हैं। फौरी तौर से सरकार के समक्ष अब तक करीब 200 करोड़ रुपए के नुक्सान की बात सामने आई है जबकि अभी तक प्रदेश भर से पूरा ब्यौरा सरकार के पास नहीं पहुंच सका है। बताया गया कि हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत डेरे की प्रॉपर्टी के जरिए ही नुक्सान की भरपाई की जाएगी। मसलन इस बार सरकार किसी तरह से खुद मुआवजा नहीं देगी, बल्कि डेरे की सम्पत्तियों को बेचकर मुआवजा देने की चर्चाएं हैं।

सरकार के पास पहुंची रिपोर्ट में हरियाणा परिवहन निगम ने 14 करोड़ रुपए बसों का घाटा बताया है जबकि उत्तर रेलवे ने 50 करोड़, सेना एवं अर्धसैनिक बलों पर खर्च करीब 45 करोड़ तथा हिंसा व आगजनी में करीब 95 करोड़़ के नुक्सान की बात कही गई है। सरकार के सूत्रों की मानें तो अभी तक नुक्सान की पूरी डिटेल नहीं मिल पाई है, लेकिन फौरी तौर से करीब 200 करोड़ रुपए के नुक्सान की बात सामने आई है। जबकि सिरसा का वीटा मिल्क प्लांट सहित नुक्सान का आंकलन किया जाना बाकी है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए अर्धसैनिक बल और सेना की मदद ली गई है, जिसके तहत सरकार को भारी भरकम राशि केंद्रीय एजैंसियों को देनी पड़ेगी।