तपेदिक रोगियों के लिए मास्क बना रामबाण, घट गई टी.बी. के मरीजों की संख्या

2/18/2021 10:30:38 AM

चंडीगढ़ : कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी किए गए मास्क ने तपेदिक रोगियों के लिए रामबाण का काम किया है। मास्क ने फिल्टर बनते हुए हरियाणा में तपेदिक (टी.बी.) रोगियों की संख्या घटा दी है। बीते साल के मुकाबले इस बार 11,277 तपेदिक रोगी कम पाए गए हैं। आंकड़ों की मानें तो मौजूदा वर्ष में प्रदेश में तपेदिक रोगियों की 62,697 संख्या हो गई है, जबकि बीते साल मरीजों की तादाद 73,974 थी। पब्लिक अस्पतालों ने इस साल तपेदिक रोगियों की 41,257 जबकि प्राइवेट अस्पतालों ने 21,440 पेशैंट्स की जानकारी दी। 

आंकड़े कहते हैं कि वर्ष 2017-18 में प्रदेश में तपेदिक पेशैंट्स की संख्या 40,507 थी, वर्ष 2018-19 में 66,601 पेशैंट्स हुए, वर्ष 2019-20 में रोगियों की संख्या 73,974 तक पहुंच गई। वर्ष 2023 तक प्रदेश को तपेदिक मुक्त करने के लिए तपेदिक रोगियों की तेजी के साथ स्क्रीङ्क्षनग की जा रही है। सी.बी. नैट टैस्ट की मदद से रोगियों की जांच रिपोर्ट अब दो घंटे में ही मिल जाती है जबकि पहले जांच रिपोर्ट में कई सप्ताह का समय लग जाता करता था। प्रदेश के हर जिले में तपेदिक जांच के लिए सी.बी. नैट की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है। 

5 जिलों ने तपेदिक रोगियों को कम पहचाना
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े कहते हैं कि जनवरी से लेकर दिसम्बर 2020 के नैशनल हैल्थ मिशन के स्कोर बोर्ड पर तपेदिक रोगियों को कम पहचानने वाले जिलों में गुरुग्राम, मेवात, सोनीत, चरखी दादरी, रेवाड़ी के नाम शामिल हैं। गुरुग्राम के पब्लिक सैक्टर ने 42 प्रतिशत रोगियों की पहचान की। मेवात में प्राइवेट अस्पतालों ने 63 प्रतिशत रोगियों की पहचान की। सोनीपत के प्राइवेट अस्पताल ने 27 प्रतिशत रोगियों की पहचान की। चरखी दादरी के प्राइवेट और पब्लिक अस्पतालों ने 49 प्रतिशत मरीजों को पहचाना। रेवाड़ी के पब्लिक अस्पताल ने 53 प्रतिशत तपेदियों रोगियों की पहचान की।

जांच रिपोर्ट के साथ बता रहे कौन सी दवा करेगी बीमारी दूर
हरियाणा की एडिशनल डायरैक्टर जनरल हैल्थ सॢवस डा. वीना सिंह का कहना है कि एक तपेदिक रोगी जब खांसता है तो उसके ड्रॉपलेट्स से 10 से 15 लोग संक्रमित हो सकते हैं परंतु कोरोना काल में मास्क तपेदिक रोगियों के लिए सुरक्षा क्वच बन गया और तपेदिक संक्रमण ज्यादा फैल नहीं सका। परंतु आने वाले दो सालों में हरियाणा से तपेदिक को दूर करने के लिए विभाग कई किस्म के अभियान चला रहा है। पेशैंट्स तपेदिक की जांच अस्पताल से आसानी से करवा सकते हैं। तपेदिक की जांच के साथ पेशैंट्स को यह भी रिपोर्ट दी जा रही है कि कौन सी दवा उनके शरीर से टी.बी. को दूर करने के लिए कारगार साबित होगी। पेशैंट्स को तपेदिक की दवा का कोर्स पूरा करने के लिए 500 रुपए की सहायता दी जा रही है। जांच के सैंपल को ट्रांसपोर्ट करने वालों को भी अलग से पैसे दिए जा रहे हैं। टी.बी. पेशैंट्स को 500 रुपए की पैंशन भी दी जा रही है। 

तपेदिकों रोगियों की स्क्रीनिंग के साथ-साथ उनके प्रोटीन टैस्ट भी किए जा रहे हैं ताकि पेशैंट्स के शरीर स्वस्थ रहें। उनका कहना है कि प्राइवेट क्लीनिक तपेदिक रोगी की सरकार को ज्यादा से ज्यादा सूचना दें इसके लिए प्राइवेट डाक्टर्स को भी तपेदिक जांच की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। पहले सरकारी अस्पताल तपेदिक रोगियों की ज्यादा पहचान कर रहे थे परंतु अब प्राइवेट अस्पताल भी तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम में सरकार को सहयोग देने लगे हैं। 

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Content Writer

Manisha rana