1962 की लड़ाई के नायक कैप्टन रामचंद्र बोले- लद्दाख सीमा में पैर रखने से पहले रेजांगला को याद करे चीन

6/18/2020 4:42:09 PM

रेवाड़ी (महेंद्र): लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के दौरान 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए। गलवान घाटी में चीन की हरकत ने हर भारतीय को झकझोर दिया। इस घटना के बाद अब हर कोई भारत और चीन के बीच 1962 में लड़ी गई रेजांगला पोस्ट की लड़ाई को याद कर रहा है। 1962 में लड़ी गई रेजांगला पोस्ट की लड़ाई में भारतीय सैनिकों ने चीन को धूल चटाई थी। 



इस लड़ाई में हरियाणा के रेवाड़ी के कैप्टन रामचंद्र ने अपनी बहादुरी का परिचय दिखाया था। चीन की इस हरकत पर उन्होंने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया की आज भारतीय फाैज इतनी शक्तिशाली है की हर मोर्चे पर युद्ध कर दुश्मन को पराजित कर सकती है। भारतीय जवान जोश और होश की बात करता है, इसलिए आज का जवान चीनी हथियारों से डरने वाला नहीं है। 

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में चीनी आज जम्मु कश्मीर में लद्दाख से घुसपैड कर भारत पर हमला करने की फिराक में है। जिसके मंसूबों को भारत कभी कामयाब नहीं होने देगा। कैप्टन रामचंद्र ने बताया की 43 का फिगर आने के बाद भारतीय जवानों का हौंसला बढ़ा है। आज भी हम दौगुना को मार गिराने का दम रखते है, इसलिए चीन को लद्दाख में एंट्री करने से पहले रेजांगला पोस्ट की लड़ाई को याद कर लेना चाहिए।



कैप्टन रामचंद्र ने कहा की आज हम बूढ़े जरूर हो गए है लेकिन सरकार आज भी हमें युद्ध में जाने की इजाजत दे तो हम पीछे नहीं हटेंगें। जैसे रेजांगला पोस्ट की लड़ाई में चीनी फाैज को पछाड़ा था, उसी तरह आज भी इतना हौसला रखते है की पूरी बहादुरी से लड़ाई जितने का दम रखते है। बता दें कि रेवाड़ी जिले के गांव मोहनपुर के रहने वाले कैप्टन रामचन्द्र आज अपने परिवार के साथ रह रहे है। रामचन्द्र के दो बेटे और एक पोता भी आर्मी में अपनी सेवाएं दें रहें है।

Edited By

vinod kumar