सरकारी स्कूल बंद करने के बाद विश्वविद्यालयों में निजीकरण लागू करना चाह रही सरकार : सुरजेवाला

1/22/2023 10:20:41 PM

चंडीगढ़(चंडीगढ़) : कांग्रेस महासचिव और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा के विश्वविद्यालयों की पढ़ाई को “सेल्फ फाइनेंस कोर्सेस” में बदलने की मंशा पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का निजीकरण कर सरकारी शिक्षा पर ताला लगाने की भाजपा-जजपा सरकार की दुर्भावना उजागर हो गई है। विद्यार्थी वर्ग को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने का ये घिनौना षड्यंत्र है।


सुरजेवाला बोले- सरकार ने अपनाया प्राइवेटाइजेशन का मॉडल

 

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा के सैंकड़ों सरकारी विद्यालयों पर ताले लगाने के बाद खट्टर सरकार ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी प्राइवेटाइजेशन का मॉडल' लागू करके उच्च शिक्षा कोऔने-पौने दामों पर बेचने का अभियान” छेड़ दिया है। उन्होंने इसे गरीब व कमेरे वर्ग को शिक्षकों वंचित करने का षडयंत्र करार देते हुए कहा है कि प्रदेश के युवा सरकार की इस शिक्षा विरोधी साज़िश के खिलाफ खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जौड़ी को कभी माफ़ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह सरकार जानती है कि यदि साधारण घरों के बच्चे इसी प्रकार आगे बढ़ते रहे तो इनकी झूठ और लूट की राजनीति ज्यादा दिन नही चल पाएगी और इसीलिये खट्टर सरकार प्रदेश के गरीब-दलित और किसान -कमेरे परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा से वंचित रखकर इनकी 'व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी' के झूठे ज्ञान में उलझाए रखना चाहती है।

 

उच्च शिक्षण संस्थानों को दुकानों में बदलने की साज़िश रचने का लगाया आरोप

 

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि खट्टर सरकार जब से सत्ता में आई है, तभी से उच्च शिक्षण संस्थानों को दुकानों में बदलने की साज़िश रचने में जुटी है। इसी कड़ी में पिछले वर्ष मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, जो दुर्भाग्य से प्रदेश के वित्तमंत्री भी हैं, ने विश्वविद्यालयों को वित्तीय अनुदान बन्द करके इसके स्थान पर विश्वविद्यालयों को कर्जा देने का आदेश पारित किया था। 


क्वालिटी एजुकेशन की बजाए फाइनेंस एजुकेशन को बढावा दे रही सरकार : सुरजेवाला

 

रणदीप ने कहा कि पिछले साल प्रदेश के विश्वविद्यालयों के विरोध से अपनी फजीहत करवाने के बाद भी खट्टर सरकार बाज़ नही आ रही है। अबकी बार खट्टर के संघी सलाहकारों ने उन्हें उच्च शिक्षा के व्यापारीकरण का नया रास्ता सुझा दिया है। विश्वविद्यालय को वित्तीय सहायता देकर उन्हें 'क्वालिटी एजुकेशन' पर फोकस करने के निर्देश देने की बजाय खट्टर साहब उन्हें सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज आरम्भ करके लोगों से पैसा वसूलने की नसीहत जारी कर रहे हैं। सुरजेवाला ने कहा कि इस सरकार की कथनी और करनी का अंतर समझना है, तो इनकी शिक्षा नीति से बढ़िया उदाहरण कोई हो ही नहीं सकता। यह सरकार एक तरफ तो न्यू एजुकेशन पॉलिसी के नाम पर उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करती है और दूसरी तरफ विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों को ध्वस्त करने की साज़िशें हो रही हैं।
 

सुरजेवाला का आरोप, युवाओं को उच्च शिक्षा से वंचित रखना चाहती है सरकार
 

उन्होंने कहा कि अपनी नकारात्मकता को छुपाने के लिए खट्टर सरकार के रणनीतिकारों ने ये नया तरीका ढूंढा है कि हरियाणा के युवा उच्च शिक्षा से वंचित रहें ताकि ना तो वो अपने अधिकारों को जान सके और ना ही अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा सके।  ना बचेगा बांस ना बजेगी बांसुरी। अगर युवा शिक्षित नहीं है तो रोजगार की बात ही नहीं उठती। सुरजेवाला ने चेतावनी दी कि खट्टर सरकार ये समझ ले कि कांग्रेस पार्टी और इस प्रदेश का जागरूक युवा इन्हें इनके षडयंत्र में कामयाब नही होने देगा। प्रदेश के सरकारी शिक्षा तंत्र को बचाने के लिए सड़क से सदन तक हर स्तर पर हमारा संघर्ष जारी रहेगा। खट्टर सरकार को इसके शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने के मॉडल को लागू करने की छूट किसी भी क़ीमत पर नही दी जाएगी।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan