NEET के रिज़ल्ट में गड़बड़झाले की आशंका, सवालों का जवाब न NTA दे रहा...न ही मोदी सरकार:रणदीप सुरजेवाला

punjabkesari.in Thursday, Jun 06, 2024 - 09:18 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने NEET के रिज़ल्ट में भारी गड़बड़झाले की आशंका जाहिर की है। उन्होंने कहा कि 24 लाख युवाओं व उनके माता-पिता में भारी बेचैनी है। विवादों-आशंकाओं-सवालों का जवाब न NTA दे रहा और न ही मोदी सरकार दे रही है। सुरजेवाला ने कहा कि NEET Exam में 67 अभ्यर्थियों के 720/720 नंबर आए हैं। यानी इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने 100 प्रतिशत स्कोर किया है। इससे पहले के सालों में कितने टॉपर थे।

  • साल 2019 = 1 टॉपर
  • साल 2020 = 1 टॉपर
  • साल 2021 = 3 टॉपर
  • साल 2022 = 1 टॉपर
  • साल 2023 = 2 टॉपर
  • साल 204 = 67 टॉपर

इसके आलवा सुरजेवाला ने कहा कि यह अपने आप में ‘असंभव’ लगता है, क्योंकि NEET Paper में हर गलत जवाब की निगेटिव मार्किंग भी है। क्या ऐसा हो सकता है कि 67 लोगों ने 100 प्रतिशत सही जवाब दिए हों?। उन्होंने कहा यह संयोग है या प्रयोग NEET के 67 टॉपर्स में से 44 टॉपर ऐसे हैं, जो ‘ग्रेस मार्क्स’ के आधार पर टॉपर बने हैं। NTA ने 29 मई, 2024 को प्रोविज़नल आंसर की में ‘Atom’ के सवाल पर ऑप्शन 1 को सही बताया। जब 10,000 से अधिक छात्रों ने एतराज किया, तो ऑप्शन 1 व 2 दोनों को सही बता दिया। जब 67 में से 44 टॉपर केवल ग्रेस मार्क के आधार पर NEET के टॉपर बने हों, तो क्या यह अपने आप में ‘‘नंबर देने यानी मार्किंग की प्रक्रिया’’ तथा ‘‘एग्ज़ाम प्रणाली की विश्वसनीयता व वैधता’’ पर सवाल खड़ा नहीं करता? एक और अचंभे की बात यह है कि NEET टॉप करने वाले सीरियल नंबर 62 से 69 तक के टॉपर फरीदाबाद, हरियाणा के एक ही एग्ज़ाम सेंटर से आते हैं। 

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इनमें से 6 लोगों ने 720/720 नंबर लेकर NEET टॉप किया व 2 के 720 नंबर में से 718 व 719 नंबर आए। यह अपने आप में एक ‘अजूबा’ भी है और आश्चर्यचकित करने वाला भी, पर NTA व मोदी सरकार इसे सही ठहरा रही है। क्या कोई सामान्य व्यक्ति इसे संयोग मानेगा या फिर एक भाजपाई प्रयोग है? 

सुरजेवाला ने कहा है कि  NTA व मोदी सरकार के मुताबिक नंबर ज्यादा आने का एक कारण यह भी है कि फरीदाबाद के NEET Exam सेंटर में गलत पेपर बांट दिया गया। NTA व मोदी सरकार के मुताबिक इस प्रक्रिया में 45 मिनट नष्ट हो गए। इस समय की ऐवज़ में NTA व मोदी सरकार ने इस सेंटर के बच्चों को ‘ग्रेस मार्क्स’ दे दिए। सवाल यह उठता है कि जब NTA के प्रॉस्पेक्टस, NEET के ब्राउचर व सरकार की हिदायतों में इस आधार पर ग्रेस मार्क्स देने का कोई प्रावधान नहीं है, तो फिर ये ग्रेस मार्क्स किस आधार पर दिए गए? क्या मोदी सरकार द्वारा इस बारे कोई सार्वजनिक सूचना या इश्तेहार जारी किया गया?क्या किसी और सेंटर में भी इसी प्रकार से ग्रेस मार्क्स दिए गए? क्या इस प्रकार से ‘‘नॉर्मलाईज़ेशन’’ की आड़ में NTA द्वारा NEET Exam में ‘‘ग्रेस मार्क्स’’ दिए जा सकते हैं? सच यह है कि डॉक्टर्स से लेकर एक्सपर्ट्स तक नॉर्मलाईज़ेशन की आड़ में NEET Exam के नंबर बढ़ाने की इस प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं?  साल 2019 से 2023 तक NEET Exam में 600 नंबर लाने वाले युवाओं को आसानी से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सस्ती फीस पर प्रवेश मिल जाता था। इस साल NEET Exam की कटऑफ 137 नंबर से बढ़कर 164 हो गई। इस बार 660 नंबर लाने वाले युवा को ही शायद मुश्किल से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सस्ती फीस पर दाखिला मिल पाए। 24 लाख से अधिक युवा, जो NEET Exam में बैठे हैं, अधिकतर गरीब-मध्यम वर्ग- नौकरीपेशा परिवारों से हैं, जो डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखते हैं। इस पूरे घालमेल में क्या उन लाखों बच्चों के सपने धराशाही नहीं हो गए?

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कांग्रेस नेता ने कहा कि  NEET का एग्ज़ाम 5 मई, 2024 को हुआ व उसका रिज़ल्ट 14 जून, 2024 को आना था। फिर यकायक 4 जून, 2024 को ही रिज़ल्ट घोषित कर दिया गया। यह वही दिन था, जिस दिन देश के संसदीय चुनाव का रिज़ल्ट भी आया और पूरा देश लोकसभा चुनाव का रिज़ल्ट सुनने में व्यस्त था। क्या NEET का यह रिज़ल्ट आनन-फानन में इसलिए निकाला गया कि सभी आशंकाओं व विवादों पर पर्दा डाला जा सके? क्या यह संयोग है या प्रयोग?  NEET के रिज़ल्ट घोषित होने के बाद दौसा में अजीत नाम के छात्र ने आत्महत्या कर ली।

इसी प्रकार कोटा में एक और बिटिया बगीशा तिवारी, जो रीवा, मध्यप्रदेश की निवासी थी, बिल्डिंग की नौंवी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। सवाल यह है कि NTA की यह कैसी NEET एग्ज़ाम प्रणाली है, जो लगातार विवादों के घेरे में है तथा युवा बच्चे आत्महत्या के खतरनाक रास्ते पर चल पड़े हैं? क्या मोदी सरकार के पास कोई जवाब है?सवाल 24 लाख बच्चों के भविष्य का भी है।सवाल NEET Exam की विश्वसनीयता का भी है।सवाल गरीब व मध्यम वर्ग के बच्चों को बराबरी का मौका देने का भी है।सवाल देश को अच्छे डॉक्टर देने का भी है।सवाल आशंकाओं व विवादों से ऊपर उठकर जवाबदेही निश्चित करने का भी है। 

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Content Editor

Saurabh Pal

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