नौकरी के हकदार बच्चों का हक हम नहीं छिनने देंगे, इसलिए सख्त कानून की जरूरत समझी जा रही: रणजीत
8/22/2021 7:49:48 PM
चंडीगढ़ (धरणी): बेहद मुखर, बेबाक और स्पष्टवादी माने जाने वाले मंत्री रणजीत चौटाला ने प्रदेश के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पंजाब केसरी से बातचीत की। जिसमें हाल ही में मानसून सत्र के दौरान चल रही गतिविधियों, सदन में विपक्ष की भूमिका, पेपर लीक मामले को लेकर बनने जा रहे कानून और उनके बिजली व जेल विभागों में किए गए क्रांतिकारी बदलाव प्रमुख तौर पर हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस प्रकार के बदलाव अवश्य करेगी कि जिससे गरीब का हक गरीब को मिल सके। पैसों के दम नौकरी न खरीदी जा सके। नौकरी उसी को मिले जो इसका हकदार है। इसको लेकर बदलाव किए भी गए हैं। लेकिन बावजूद इसके सख्त कानून की अति आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष की जिम्मेदारी सरकार को घेरने की होती है। उन्हें वह निभानी चाहिए। सरकार की अगर कहीं कमी है तो उस पर चर्चा होनी चाहिए ना की हंगामा। चौटाला ने कहा कि बिजली विभाग की लगातार आ रही अधिकारियों की शिकायतों के बाद उन्होंने खुद अपना फोन नंबर सार्वजनिक किया और शिकायतकर्ताओं ने कई अधिकारियों के फोन ना उठाने के बारे में बताया तो मैने तुरंत प्रभाव से एक्सईएन, एसडीओ, जेई फोन करके डांट लगाई और चेतावनी दी कि अगर दोबारा गलती हुई तो उन्हें सस्पेंड किया जाएगा। जिसके बाद काफी बदलाव आए हैं। उनसे और भी कई मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है:-
प्रश्न:- नकल को लेकर सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है। आप का राजनीतिक अनुभव इस बारे में क्या है ?
उत्तर:- अभी तो मीडिया की एक क्रिएशन है। कल हाउस में इस पर चर्चा चलेगी। खुद अभिभावक भी चाहते हैं कि बच्चे नकल ना करें। यह तो सदा से होता आया है। बड़ा विभाग है। कोई क्लर्क पेपर लीक जैसा काम कर देता है। इस पर सख्ती की अति आवश्यकता भी है।
प्रश्न:- हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने भी सरकार को सख्त कानून बनाने वाले लिखा है। क्या कहेंगे ?
उत्तर:- जिस भी व्यक्ति की इस काम में मिलीभगत मिले उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि एक मॉडल बने और लोगों में एक संदेश जाए। जिससे इस प्रकार के लोग भयभीत हो। कर्मचारियों के चयन के लिए ली जा रही परीक्षा में अगर इस प्रकार की धांधली होती है तो वह प्रदेश के भविष्य को लेकर चिंतित विषय है और साथ ही साथ इससे उन बच्चों का हक भी छिनता है जो अपनी काबिलियत और मेहनत के दम पर नौकरी लेने के हकदार हैं। हम किसी का हक छीनने नहीं देंगे। यह हमारी सरकार की नीति है। इसलिए एक सख्त कानून की जरूरत समझी जा रही है।
प्रश्न:- विपक्ष की भूमिका को लेकर कांग्रेस से आप क्या उम्मीद रखते हैं ?
उत्तर:- कांग्रेस को विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए। सवाल पूछने चाहिए। विपक्ष का एक अपना रोल होता है। लेकिन उन्हें अपना काम मर्यादा में रहकर करना चाहिए। एक सही बात को सही ढंग से पटल पर रखनी चाहिए और सरकार को घेरना चाहिए। अगर सरकार की कहीं कमी है तो उस पर चर्चा होनी चाहिए ताकि उस कमी को सुधारा जा सके। लेकिन बात पर हंगामा मचाना ठीक नहीं होता। अच्छे तरीके से बात करनी अच्छी लगती है।
प्रश्न:- नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेसी नेता के साथ बदसलूकी के मामले को सदन में उठाया गया मामला प्रिविलेज कमेटी को सौंपा गया है। इस पूरे मामले को आप किस नजर से देखते हैं ?
उत्तर:- हर सदस्य का अपना एक अधिकार होता है। वह प्रदेश में कहीं पर भी मूव करें, उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है। मैं भी उस समय सदन में मौजूद था जब यह बात हाउस में रखी गई थी। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता द्वारा इस मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत प्रिविलेज कमेटी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई। उनकी जजमेंट के बाद भी इस पर कुछ कहना ठीक होगा।
प्रश्न:- आपके द्वारा बिजली विभाग संभाले जाने के बाद कई क्रांतिकारी और महत्वपूर्ण बदलाव आपने किए। आने वाले समय में क्या योजना है ?
उत्तर:- सेंट्रल गवर्नमेंट की ब्यूरो ऑफ एनर्जी एजेंसी जो कि देश के बिजली विभाग की रेटिंग तय करती है, उसके अनुसार हरियाणा डिस्कॉम में बहुत अच्छा परफॉर्म कर रहा है। हम आज पूरे देश की रेटिंग में पंद्रह नंबर से दूसरे नंबर पर आ गए हैं। गुजरात के बाद अब हम नंबर दो पर हैं। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। जहां कोरोना काल के दौरान हर आदमी, हर दुकानदार, हर व्यापारी, हर कॉर्पोरेट हाउस प्रभावित हुआ था। उस समय भी हमारी डिस्कॉम मुनाफे पर रही। यह हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि है। बिजली के रेट कभी कम नहीं होते। लेकिन हम मुनाफे में हैं। इसलिए हमारे मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा प्रदेश में प्रति यूनिट 37 पैसे कम करने की घोषणा की गई। सुनने में 37 पैसे बहुत कम लगते हैं। लेकिन प्रदेश में कुल कैलकुलेट की जाए तो 12 सौ करोड़ का लाभ हरियाणा सरकार ने जनता को दिया है। यह एक बेहतरीन कदम है।
प्रश्न:- प्रीपेड मीटर का लक्ष्य कब तक पूरा होने की संभावना है ?
उत्तर:- हमने गुड़गांव, फरीदाबाद, करनाल और पंचकूला को इसके लिए पहले चुना है। यह इस योजना के एक मॉडल बनेंगे। इनके लिए हमने 10 लाख मीटर अभी लिए हैं। करीब 2 लाख 80 हजार मीटर इंस्टॉल कर दिए गए हैं। बहुत तेजी से काम किया जा रहा है। इस नई टेक्नोलॉजी से बहुत अच्छी उम्मीद है। जिसमें प्रीपेड की तरह पैसा जमा करवाया जा सकेगा। कभी भी इसे ऑन ऑफ किया जा सकता है। रिमोट अपने हाथ में रहेगा। बीच में मिडिल मैन की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी। साथ में जो समस्याएं बिल इत्यादि ज्यादा आने की आती थी वह भी समाप्त हो जाएंगी और उपभोक्ता संतुष्ट रहेगा।
प्रश्न:- पुलिस विभाग के बाद बिजली विभाग की सबसे अधिक शिकायतें रहती है। आपने उसमें भी कुछ सुधार किया है। कुछ बताएं ?
उत्तर:- मैंने अपना नंबर सार्वजनिक कर रखा है। मैंने कई बार एक्सईएन, एसडीओ और जेई इत्यादि को खुद फोन करके चेतावनी दी है कि आप उपभोक्ताओं के फोन नहीं उठा रहे, क्योंकि शिकायतकर्ताओं ने खुद सीधे फोन करके मुझे इसके बारे में बताया था। मैंने अधिकारियों को यह भी चेतावनी दी थी कि उन्हें रेड लाइन कर रहा हूं। दोबारा उनका नाम आने पर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। उन्हें सस्पेंड किया जाएगा। उसके बाद अधिकारी डरे हैं। चौकनने हुए हैं। इससे सिस्टम में काफी सुधार आया है।
प्रश्न:- बिजली चोरी रोकने और अधिकारियों पर शिकंजा कसने को लेकर आपने कई फैसले लिए उनके बारे में कुछ बताएं ?
उत्तर:- मैंने हरियाणा में 2 दिन में 21000 छापे मारे, जिनमें से 6700 केस चोरी के पकड़े गए। हरियाणा में इतने बड़े स्तर पर इस प्रकार का काम कभी नहीं हुआ और इसमें बड़ी कामयाबी भी मिली है। हमारा लाइन लॉस 21 से 14 पर आ गया। इस साल के अंत तक हमारा लक्ष्य से 12 तक लाने का है।
प्रश्न:- जेलों में सुधार को लेकर किस प्रकार के बदलाव भविष्य में देखने को मिलेंगे ?
उत्तर:- हमने जेलों के लिए हाई पावर कमेटी बनाई है जो पिछले 1 महीने से अपने रिपोर्ट तैयार करने में लगी हुई है। 15-16 प्वाइंट्स पर चर्चा हो चुकी है। 15 सितंबर तक हमें कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उसके बाद मैं आपसे साझा करूंगा। हम जेलों के नाम भी बदलना चाह रहे हैं। इसे कारागार की जगह सुधार ग्रह जैसा कोई अच्छा नाम दिया जाएगा। हमारा मकसद इस प्रकार का माहौल देने का है कि अंदर जाने के बाद जब वह बाहर आए तो उसमें बड़ा सुधार हो। हमारा मकसद अंदर गए हुए व्यक्ति के मानसिक सुधार का है। जेलों में लिखा जाएगा अच्छे बनो और बाहर जाओ।
वहां सेशन जज विजिट करें। हम अच्छी डाइट देंगे। अच्छा माहौल देंगे। साथ ही साथ साफ सफाई का अत्याधिक सुधार भी हमारी प्राथमिकता रहेगी।हमारी जेलों से हमारे सरकारी विभागों, सरकारी कार्यालय और शादी विवाह तक में हरियाणा की जेलों से मिठाई बन कर जाए जो बाजार से 30 फ़ीसदी सस्ती हो, नो प्रॉफिट नो लॉस पर, साफ सफाई के साथ शुद्ध-प्योर और हर कसौटी पर खरी उतरने वाली मिठाई जेलों में से तैयार होकर जाएगी। यह भी हमारा लक्ष्य है।
हालांकि हमारी जेलों में कई समान पहले भी बनाए जा रहे हैं। अंबाला- यमुनानगर में घर की कुछ जरूरत की चीजें बन रही हैं।फर्नीचर इत्यादि का काम भी कुछ जेलों में चल रहा है। हम चाह रहे हैं कि कैदी दूसरी बुराइयों से हटकर काम सीखे। ताकि बाहर जाकर भी वह इस काम को कर पाए। वह पहले से ही ट्रेंड हो और अपने परिवार का जीवन यापन अच्छी तरह से कर सकें।
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