राजस्थान की मंजूरी के बाद यातायात क्रांति लाएगी रैपिड रेल

7/1/2019 10:41:25 AM

गुडग़ांव (ब्यूरो): दुनियां के सबसे बेहतरीन आंतरिक यातायात में साईबर सिटी का भी नाम जुडऩे को तैयार है। रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम जिसे हाईस्पीड रेल भी कहा जा रहा है उसके कार्य की गति में अब और तेजी आएगी। राजस्थान सरकार ने अपने हिस्से में आने वाले कॉरिडोर के डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को हरी झंडी दे दी है। रिजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम से एनसीआर में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी आरआरटीएस कॉरीडोर के विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को राजस्थान सरकार ने शनिवार को मंजूरी दे दी। उल्लेखनीय है कि इस महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को हरियाणा सरकार पहले ही मंजूरी दे चुकी है। 

परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी एनसीआरआरटीसी के बोर्ड ने दिसंबर 2018 में दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी आरआरटीएस कॉरीडोर जो कुल 106 किमी की लंबाई का है को मंजूरी प्रदान की थी। प्राथमिकता वाले तीन आरआरटीएस कॉरीडोर में से एक दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरीडोर को तीन चरणों में लागू करने की योजना है। पहले चरण में दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी अर्बन कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाएगा। दूसरे चरण में इसे एसएनबी अर्बन कॉम्प्लेक्स से सोतानाला तक बढ़ाया जाएगा और तीसरे चरण में एसएनबी अर्बन कॉम्प्लेक्स से अलवर तक निर्माण किया जाएगा। कॉरिडोर पर जियो-टेक्निकल सर्वे और अंडरग्राउंड यूटिलिटी मैपिंग कार्य तेजी से चल रहे हैं और निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए इसका कार्यालय भी कार्य करने लगा है। परियोजना को लेकर जल्द ही फाइल लोड टेस्टिंग का कार्य शुरू होने जा रहा है जिसके अंर्तगत खंभों को खड़ा किया जाएगा। 

यह होगी खासियत : 106 किमी लम्बे दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर का 35 किमी हिस्सा भूमिगत होगा जिसमें कि पांच स्टेशन होंगे तथा शेष 71 किमी का भाग एलिवेटेड होगा और इसमें 11 स्टेशन का निर्माण किया जायेगा। यह कोरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होगा और अन्य दो कॉरीडोर के साथ संचालित होगा। 
जिसकी खास बात होगी कि यात्रियों को एक कोरिडोर से दूसरे कोरिडोर में जाने के लिए ट्रेन नहीं बदलनी होगी।
 

Edited By

Naveen Dalal