...आखिरकार राठी दंपति ने कांग्रेस को दे दिया झटका, दीपेन्द्र से मतभेद के चलते छोड़ी पार्टी

5/29/2020 4:06:56 PM

बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़): हरियाणा कांग्रेस को आखिरकार आज राठी दंपत्ति ने झटका दे ही दिया। इसके पीछे राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा से राठी दंपत्ति आपसी मतभेद बताया जा रहा है। महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीना राठी व किसान कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतपाल राठी इस्तीफा देते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं ने काम को सम्मान नहीं दिया और पार्टी में उपेक्षा से आहत होकर इस्तीफा दिया है।

राठी दंपत्ति ने कहा कि नॉमीनेट करने के बाद भी नगर परिषद चैयरपर्सन ने वार्ड का काम नहीं किया। वहीं आरोप लगाते हुए राठी दंपत्ति ने कहा कि कांग्रेस में परिवारवाद हावी है और चापलूसों को सम्मान मिलता है। कहा कि हुड्डा साहब ने हमसे परिवार की तरह काम लिया लेकिन सम्मान देने के समय प्राथमिकता दूसरों को मिलती है। उन्होंने कहा कि महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर भी नेताओं का अस्पष्ट रवैये रहा, जो नाराजगी की वजह है। वहीं सतपाल राठी ने यह भी कहा कि दीपेंदर हुडा से मतभेद हो गए हैं क्योंकि वे वर्कर के कार्य को सम्मान नहीं देते।

गौरतलब है कि राठी दंपत्ति ने दीपेंदर हुड्डा के चुनाव में पूरा जोर लगाया था, कई सभाएं भी करवाई। लगातार दूसरी बार नीना राठी नगर परिषद बोर्ड की सदस्य भी बनी। नीना राठी चार साल पहले नगर परिषद चैयरपर्सन के पद के लिए कांग्रेस की सबसे मजबूत उम्मीदवार थी, लेकिन कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी के चलते नगर परिषद चैयरपर्सन की दावेदारी शीला राठी को मिल गई और दीपेंदर हुडा के वोट और टॉस से शीला राठी चेयरपर्सन बन गई।

विधानसभा के लिए भी नीना राठी और सतपाल राठी की दावेदारी थी लेकिन टिकट राजेन्द्र जून को मिली जिसके बाद दोनों को मनाने के लिए खुद भूपेंद्र और दीपेंदर हुडा को आना पड़ा था। महिला कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए नीना राठी ने प्रदेश भर में महिला कांग्रेस की यात्रा निकलवाने में अहम भूमिका अदा की। लेकिन लगातार कांग्रेस के लिए काम और जमकर खर्च करने के बावजूद हुडा खेमे से सम्मान मिलने में कोताही नजर आती रही। 

हरियाणा महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुमित्रा चौहान के भाजपा में जाने के बाद महिला कांग्रेस की अध्यक्ष पद पर नीना राठी का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा था, लेकिन नीना की राह में हुड्डा खेमा रोड़े अटका कर बैठ गया, जिसके बाद नाराजगी बढ़ती चली गई।

Shivam