करण दलाल और अभय चौटाला के बीच जूते लहराए जाने पर पक्ष-विपक्ष ने दी प्रतिक्रिया

punjabkesari.in Tuesday, Sep 11, 2018 - 10:56 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): कांग्रेस विधायक करण दलाल और अभय चौटाला की बीच आपस में जूते लहराए जाने पर हरियाणा की सियासत में पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। वहीं सत्ता पक्ष ने जहां उक्त नेताओं को मर्यादा का पालन करने की बात कही। वहीं कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा व इनेलो पर मिले होने का आरोप लगाया और इनेलो ने कांग्रेस व बीजेपी पर मिले होने का आरोप लगाया। सत्र की कार्यवाही के दौरान इस तरह की घटना पर करण दलाल को एक साल के लिए विधान सभा से निलंबित कर दिया गया। वहीं अभय चौटाला के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया गया, जिससे नाराज होकर चौटाला ने कांग्रेस और बीजेपी पर मिले होने का आरोप लगाया है। आईए जानते हैं इस घटना पर राजनीतिज्ञों की क्या प्रतिक्रियाएं हैं-

विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुज्जर ने कहा की पक्ष और विपक्ष दोनों को ही मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिए। विधानसभा के सभी सदस्यों को कहा भी जा चुका है कि विधानसभा की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। कंवरपाल ने कहा कि मैंने इसपर संज्ञान लिया है लेकिन पार्टियों को भी चाहिए की वह अपने विधायकों को इस प्रकार की कार्यवाही के लिए जिम्मेवार ठहराए। उन्होंने कहा की विपक्ष को सरकार से सवाल पूछने चाहिए लेकिन शब्दों को मर्यादित करना जरुरी है। विधानसभा स्पीकर ने कहा की करण दलाल ने हरियाणा के लिए कलंकित शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने जिस तरह से यह शब्द कहे वो अमर्यादित और विधानसभा की शब्दावली के अनुकूल नहीं थे इसके लिए उन्होंने कोई क्षमा नहीं मांगी। कंवरपाल गुज्जर ने कहा की कर्ण दलाल को पुरे साल के लिए हॉउस और सभी बैठकों के लिए निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा की हॉउस में प्रस्ताव पास हुआ जिसके बाद यह फैसला लिया गया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सदन की मर्यादा बनाये रखना हर जनप्रतिनिधि का दायित्व होता है। जो सदन की मर्यादाएं तोड़ी गयी वो अच्छी बात नहीं है। बाकी सत्रों में विधानसभा के नियमों के अनुसार विधानसभा स्पीकर आवश्यक करवाई करेंगे। 

कर्ण दलाल ने मातृभूमि को गली देकर ढाई करोड़ लोगों का अपमान किया: धनखड़
इस घटना को लेकर हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि करण दलाल ने मातृभूमि को गाली देकर ढ़ाई करोड़ लोगों का अपमान किया है जो निंदनीय है। धनखड़ ने कहा की जिस मातृभूमि के लिए सैनिक बलिदान तक दे देते हैं, उसके बारे में ऐसे शब्दों का प्रयोग करना गलत है। 

करण सिंह की सफाई-कलंकित शब्द कोई गलत नहीं
कांग्रेस के एमएलए कर्ण दलाल ने उन्हें एक साल के लिए निष्काषित किए जाने पर कहा की वह बीजेपी और इनैलो की इन गीदड़ धमकियों से डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ है कोर्ट में जाएंगे। यह निर्णय लोकतंत्र में चुने हुए प्रतिनिधियों के अधिकारों के हनन का प्रयास है। आज लोकतंत्र की हत्या हुई,जब अमर्यादित भाषा इस्तेमाल करने वाले विधायक संख्या बल पर सत्ता में होने का दुरुप्रयोग करते नजर आए। इनेलो की इसमें कोई भूमिका नहीं थी। मगर यह दोनों की दोस्ती सदन में एक्सपोज हो गई।

 कर्ण दलाल ने कहा की यह असंवैधानिक फैसला है। उन्होंने कहा की मै आगे भी गरीबो के हित की बाते करता रहूँगा चाहे मेरी  सदस्यता आगे भी रद्द कर दी जाए। कर्ण दलाल ने कहा की कलंकित शब्द कोई गलत नहीं है। उन्होंने कहा की जब चौटाला ने जूता निकला तो मैंने भी जूता निकाला, वहीं उन्होंने चौटाला को डरपोक और कायर कहा।

यह सब मिलीभगत के कारण हुआ: भुपिंदर सिंह हुड्डा
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह नियमों के खिलाफ है। इससे सरकार की बौखलाहट और मिलीभगत नजर आती है। यह कार्यवाही असंवैधानिक है। यह बहुत निंदनीय है की करण दलाल को एक्सप्लेनेशन भी नहीं ली गई। प्रदेश को कलंकित करना कोई सदन की शब्दावली के अनुसार गलत नहीं है। हुड्डा ने कहा की स्पीकर की ओर से रूलिंग ना देकर प्रस्ताव लाया गया। उन्होंने कहा स्पस्टीकरण देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही की गई लेकिन जिसने जूता निकाला उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई यह सब मिलीभगत के कारण हुआ है। 

करण दलाल पिछले चार साल से ऐसा व्यवहार करते आ रहे हैं:कृष्ण बेदी
राज्यमंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि करण दलाल पिछले चार साल से ऐसा व्यवहार करते आ रहे हैं। करण दलाल व्यक्तिगत टिप्पणी करते रहें हैं। उन्होंने कहा कि यह सदन जहां बीजेपी के सबका साथ सबका विकास को लेकर याद राखी जाएगी, वहीं करण दलाल के अमर्यादित बयान के लिए भी प्रदेश की जनता याद रखेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वीर सिंह कादयान की ओर से उन्हें रोकने की कोशिश भी नहीं की गई। करण दलाल के इस वक्तव्य से प्रदेश की जनता को बहुत ठेस पहुंची है।

कर्ण दलाल को मांफी मांग लेनी चाहिए थी: जाकिर हुसैन
मेवात से इनेलो विधायक जाकिर हुसैन ने विधान सभा में हुए हंगामे को लेकर कहा कि कर्ण दलाल को मांफी मांग लेनी चाहिए थी, क्योंकि आप किसी एक व्यक्ति पर तो टिप्पणी कर सकते हैं पर राज्य को कलंकित नहीं कह सकते। जाकिर हुसैन ने कहा की उनके माफ़ी ना मांगे के सदन का माहौल खराब हुआ है। स्पीकर ने जो निर्णय लिया वह संवैधानिक है और अभी उसपर चर्चा भी हो सकती है क्या पता स्पीकर आदेश वापिस ले लें। 

विधानसभा को कलंकित करने का कार्य दुर्भाग्यपूर्ण: कर्णदेव कम्बोज
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री कर्णदेव कम्बोज ने कहा की दोनों ही वरिष्ठ नेता हैं उनसे इस प्रकार की उम्मीदे नहीं थी। उन्होंने कहा की ऐसे परिपक्व लोगों ने जो इस प्रकार विधानसभा को कलंकित करने का कार्य किया है इस प्रकार की घटना दुर्भाग्य पूर्ण है। 


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Shivam

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