मिलर्स के लिए राहत भरी खबर, वापिस लौटी टीम...2 राइस मिलों में मिला था 21 हजार 600 क्विंटल पी.आर. धान कम

10/29/2023 4:14:56 PM

गुहला/चीका (कपिल) : पिछले दो तीन दिनों से राइस मिलों में मार्केटिंग बोर्ड की टीम द्वारा लगातार की जा रही जांच जहां मिलर्स के लिए सिददर्द बनी हुई थी वहीं कुल चार राइस मिलों में हुई जांच में जहां दो राइस मिलों पी.सी. राइस मिल में 6400 क्विंटल व जगदम्बा राइस मिल में 15200 में क्विंटल धान कम निकला और कुल 21 हजार 600 क्विंटल धान कम होने की रिपोर्ट बना टीम ने उच्चाधिकारियों को भेज दी है, जबकि जगदम्बा राइस मिल में 5400 क्विंटल धान बारीक होने पर सात लाख सात हजार रुपए की मार्केट फीस भी भरवा ली गई। वहीं अगले दो राइस मिलों मां दुर्गा राइस मिल में लगभग 800-850 क्विंटल के करीब ज्यादा पाई गई पी.आर. धान की मार्केट फीस व एच.आर.डी.एफ. व जुर्माना सहित लगभग 98 हजार रुपए एवं पदमावति राइस मिल में लगभग 3100 क्विंटल बारीक धान ज्यादा पाई गई, जिसकी मार्केट फीस व जुर्माना लगभग तीन लाख 96 हजार रुपए के करीब टीम द्वारा मौके पर ही भरवा लिया गए है। 

इस मामले में पुष्टि करते हुए व जानकारी देते हुए टीम के वरिष्ठ अधिकारी डी.एम.ई.ओ. भिवानी श्याम सुंदर ने बताया कि टीम द्वारा कुल चार राइस मिलों की बारीकी से जांच की गई जो खामियां मिली। उन्हें उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट बनाकर भेज दिया गया है, जबकि धान की मार्केट फीस को लेकर जो अंतर था वो भरवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि टीम को जो आदेश मुख्य प्रशासक मार्केटिंग बोर्ड के मार्गदर्शन में प्राप्त होंगे, टीम उसी के अनुरूप टीम कार्य करेगी। उच्चाधिकारी के आदेश ही सर्वोपरि हैं और किसी राजनैतिक व अन्य दबाव में टीम काम नहीं करने वाली। उन्होंने कहा कि उनकी पूरी टीम जहां निष्पक्षता से काम कर रही है, वहां थोड़े बहुत राजनैतिक दबाव तो आते ही रहते हैं लेकिन अधिकारी के आदेश की ही पालना टीम द्वारा की जाती है। उन्होंने कहा कि रविवार को जांच होगी या नहीं, यह उच्चाधिकारी के आदेशों पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि अन्य कोई टीमें गठित होने की उन्हें जानकारी नहीं है।

क्या टीम को विधायक ने किया तलब

टीम द्वारा की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई के चलते मिलर्स ने दबाव बनाने के लिए हड़ताल का बिगुल बजा दिया और जांच को तुरंत प्रभाव से रोके जाने के लिए विधायक से मुलाकात की। भले ही टीम की कार्रवाई आज भी देर सांय तक जारी रही, लेकिन अंतत: यह देखने में जरूर आया कि विभाग की एक गाड़ी आज विधायक आवास पर जांच के पश्चात पहुंची। इस बीच क्या बात हुई, इस बारे कोई जानकारी प्राप्त नहीं है। इतना इसमें जरूरत है कि विधायक के कुछ चापलूसों द्वारा विधायक से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए गुहार लगाई गई जिस पर विधायक ने तरस खाते हुए इस कार्रवाई को रुकवाने में अपना अहम रोल निभाया। बातें तो लेनदेन को लेकर भी सामने आई लेकिन उनकी कोई पुष्टि नहीं हो पाई।

2 मिलों में पी.आर. धान में गड़बड़ी न होने पर मिलर्स ने ली राहत की सांस

दो मिलों में ज्यादा गड़बड़ी न पाए जाने पर भले ही मिलर्स ने राहत की सांस ली है, लेकिन आगामी समय में विभाग द्वारा यदि कई अन्य टीमें गठित कर भेज दी गई तो सिरदर्द बढ़ने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। जिन मिलर्स द्वारा इस मामले में हेराफेरी की हुई है उन्हें इस जांच का डर दिन रात सता रहा है, लेकिन जिन मिलर्स का काम साफ सुथरा है वह चादर तान कर सो भी रहे हैं।

टीम वापिस लौटने की जानकारी पर संशय बरकरार

हालांकि विभागीय टीम आज जहां वापिस लौटने लगी थी तो इसी बीच उच्चाधिकारी के आदेश प्राप्त होने पर टीम वापिस लौट गई और अगले राइस मिल में जांच करने के लिए पहुंच गई। बहरहाल टीम वापिस लौट तो गई है पर इस बात को लेकर अभी भी संशय बरकार है कि टीम कहीं वापिस न लौट आए।


क्या एजेंसियों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई या मिलर्स पर गिराई जाएगी गाज

इस मामले के पटापक्षेप होने के बाद अब सवाल यह खड़े हो रहे है कि क्या इस मामले में अब संबधित एजेंसियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी या फिर उन राइस मिलों में यह गाज गिरेगी जिनके अंदर पी.आर. धान कम पाई गई है। यदि सी.एम.आर कांट्रेक्ट की बात की जाए तो बहुत से ऐसे पेचीदा प्रश्र खड़े होते हैं जिन पर मिलर्स खरे नहीं उतरते और ब्रीच ऑफ कांट्रेक्ट का मामला भी बनता है। ऐसे में एजेंसियों द्वारा दी गई छूट उन पर ही भारी पड़ने वाली हैं या फिर मिलर्स पर यह आने वाला समय ही तय करेगा।

Content Writer

Manisha rana