CBSE के निर्णय से दिव्यांग छात्रों को राहत, सहायक की छूट न मिलने से असमंजस में थे छात्र

6/13/2020 8:40:59 AM

फरीदाबाद (ब्यूरो) : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने एक से 15 जुलाई के बीच शुरू होने वाली परीक्षाओं में दिव्यांग छात्रों को बड़ी राहत दी है। बोर्ड ने विशेष आवश्यकता की श्रेणी में आने वाले बच्चों को परीक्षा में शामिल होने अथवा न होने का विकल्प दिया है। बोर्ड की ओर से विशेष छूट परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन को लेकर दी गई है। बोर्ड की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि परीक्षा के दौरान विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को लिखने केलिए एक सहायक दिया जाता है, सहायक परीक्षार्थी की बगल में ही बैठकर प्रश्नपत्र लिखेगा। ऐसे में कोरोना संकट के दौर में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना कठिन होगा।

सीबीएसई ने बच्चों की इसी समस्या को ध्यान में रखकर परीक्षा में शामिल होने अथवा नहीं शामिल होने का विकल्प दिया है। बोर्ड का कहना है कि ऐसे छात्रों का रिजल्ट वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के आधार पर जारी किए जाएंगे। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों के लिए लिखने केलिए सहायक उपलब्ध नहीं होने की दशा में परीक्षा छोडऩे का विकल्प दिया गया है। विशेष आवश्यकता वाले बच्चे इस संबंध में संबंधित स्कूल को जानकारी दे सकते हैं। बोर्ड इन छात्रों का रिजल्ट वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के अनुसार तैयार करेगा।

सीबीएसई की ओर से कोरोना संक्रमण के बीच विद्यार्थियों को राहत देने का सिलसिला जारी है। इस बार बोर्ड दिव्यांग विद्यार्थियों पर मेहरबान हुआ। सीबीएसई ने निर्णय लिया है कि दिव्यांग विद्यार्थी की मर्जी होगी कि वे अब बाकी बची परीक्षा देना चाहते हैं या नहीं। अगर विद्यार्थी परीक्षा देना चाहते हैं तो उन्हें कई प्रकार की जहां छूट मिलेगी तो वहीं अगर वह नहीं देना चाहता तो भी उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि बोर्ड ऐसे विद्यार्थियों को वैकल्पिक मूल्यांकन के आधार पर आगे बढ़ाएगा। इतना ही नहीं दिव्यांग विद्यार्थियों को परीक्षा में अतिरिक्त समय, राइटर या रीडर, कंप्यूटर या लैपटॉप (इंटरनेट के बिना) के साथ ही दिव्यांग बच्चों को इस साल कैलकुलेटर के प्रयोग की भी अनुमति दी गई है।  

विशेष आवश्यकता की श्रेणी  
बोर्ड की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की श्रेणी में दृष्टिबाधित, मस्कुलर डिस्ट्राफी, लोकोमीटर इंपेयर्ड और कम ऊंचाई वाले छात्र-छात्राएं आएंगे। इन बच्चों को परीक्षा में शामिल होने अथवा नहीं होने के बारे में स्वयं निर्णय लेना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए जब परीक्षार्थी के पास बैठकर लेखक उत्तर नहीं लिख पाएगा तो ऐसे में इस प्रकार के छात्रों को परीक्षा छोडऩा अंतिम विकल्प रह गया है।

Edited By

Manisha rana