हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, हरियाणा में इन पदों पर चयनित उम्मीदवारों को राहत
punjabkesari.in Sunday, Jun 09, 2024 - 02:37 PM (IST)
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) में 2019 में लोअर डिवीजन क्लर्क (एलडीसी) के रूप में चयनित लेकिन संशोधित मेरिट में बाहर होने वाले उम्मीदवारों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से ऐसे सभी उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए कहा है।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक बार जब याचिकाकर्ताओं ने पर्याप्त लंबे समय तक काम किया है, जो परिवीक्षा अवधि पूरी कर चुके है , साथ ही इस तथ्य के साथ कि विज्ञापित सभी 964 पद भरे नहीं गए हैं, तो राज्य सरकार को उन रिक्त पदों के खिलाफ संशोधित मेरिट सूची में उनकी योग्यता के अनुसार याचिकाकर्ताओं के दावे पर विचार करने का निर्देश दिया जाता है ताकि उन्हें समायोजित किया जा सके, भले ही याचिकाकर्ता संशोधित मेरिट सूची में नीचे आ गए हों।
हाई कोर्ट के अनुसार, केवल उन याचिकाकर्ताओं का समायोजन किया जाएगा जिनकी नियुक्ति होनी बाकी है या जो पहले से ही प्रारंभिक मेरिट सूची के अनुसार काम कर रहे हैं, बशर्ते कि वे एलडीसी के 964 पदों पर नियुक्त होने के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।
हाई कोर्ट के जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी ने सुजाता रानी और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए हैं।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ने एलडीसी के 964 पदों पर चयन के लिए 2016 में विज्ञापन दिया था। चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई थी। हालांकि, मेरिट सूची को 2019 में कुछ आधारों पर हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद जनवरी 2020 में हाई कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में मेरिट सूची को संशोधित किया गया था। संशोधित मेरिट सूची में, कुछ उम्मीदवार जो चयनित और नियुक्त किए गए थे, उन्हें चयन से बाहर कर दिया गया और उनकी सेवाओं को समाप्त करने का निर्णय लिया गया ।