हड़ताल खत्म होते ही प्रदेश की पहली महिला परिचालक शर्मिला को हटाया(VIDEO)

11/4/2018 12:48:18 PM

रेवाड़ी(वधवा): ‘बुरे वक्त में सरकार का साथ देने का यह हश्र हुआ है कि मतलब निकल जाने पर अब उसे नौकरी से हटा दिया गया है। यह सरासर महिला का अपमान है। भविष्य में कोई भी महिला सरकार पर विश्वास नहीं करेगी।’ उक्त व्यथा उस महिला शर्मिला की है जिसे रोडवेज हड़ताल के दौरान परिचालक की नौकरी मिली थी। वह यह नौकरी पाने वाली हरियाणा की पहली परिचालक थी लेकिन 18 दिनों तक काम करने के बाद हड़ताल समाप्त होते ही उसे नौकरी से हटा दिया गया है।
 

रेवाड़ी की बेरोजगार  शर्मिला(32) को उस समय भारी खुशी हुई थी, जब रोडवेज की हड़ताल के दौरान उसे परिचालक पद पर भर्ती किया गया। उसे लग रहा था कि उसके जीवन में अब खुशियों की बयार बहेगी। 2 बेटियों की दिव्यांग मां शर्मिला ने अब अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलवाने का सपना देखा था। वह 40 प्रतिशत दिव्यांग है। उसे रोडवेज की सिटी बस में बतौर परिचालक लगाया गया था। भर्ती से पूर्व उसका डैमो लिया गया और योग्य करार दिया गया। लेकिन उसके सपने अब तार-तार हो चुके हैं। रोडवेज की हड़ताल खत्म होते ही उसे घर भेज दिया गया है।


 

शर्मिला के अनुसार एक लम्बे समय के बाद उसे रोजगार मिला था जिसको पाकर जीवन में सब कुछ अच्छा लगने लगा था। प्रदेश में कुल 3 महिलाओं को यह रोजगार मिला था जिसमें वह पहली थी लेकिन इस मतलबी सरकार ने अपने नारे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को ठेंगा दिखाते हुए हड़ताल खत्म होने के तुरंत बाद ही खुशियों के रूप में मिली नौकरी को अब छीन लिया है। 

उसने सरकार से निवेदन किया है कि उसे उसकी नौकरी वापिस दी जाए, ताकि वह अपनी दोनों बेटियों को पढ़ा लिखा सके। उसने कहा कि उसका कंडक्टरी लाइसैंस दो साल पुराना है। लेकिन सरकार 10 साल पुराने लाइसैंस की मांग कर रही है। वह एक बार फिर दोराहे पर आ गई है और उसे नए सिरे रोजगार की तलाश में जुटना पड़ेगा। 
 

Deepak Paul