सीएम खट्टर ने किशाऊ व रेणुका बांध के लिए समझौता करने की सहमति प्रदान की

10/17/2018 8:06:08 PM

चंडीगढ़(धरणी): सीएम खट्टर ने किशाऊ और रेणुका बांध पर समझौता करने की बात पर सहमति प्रदान कर दी है। जिससे यमुना नदी की दो सहायक नदियों टोंस और गिरि नदी पर 1.04 मिलियन एकड़ फुट (एमएएफ) और 0.404 एमएएफ पानी हो जाएगी। इसके अलावा, ये दो बांध क्रमश: 660 मेगावाट और 40 मेगावाट बिजली उत्पन्न करने में सक्षम होगा। गौरतलब है कि मनोहर लाल ने 28 अगस्त, 2018 को लखवार परियोजना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर पहले ही कर दिए थे।

दिल्ली रेणुका बांध से छोड़े जाने वाले पानी पर अपना दावा कर रही है। शुरू में, दिल्ली की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रेणुका बांध से छोड़ा जाने वाला  पानी दिल्ली को आवंटित करने का प्रस्ताव था। लेकिन हरियाणा द्वारा आपत्ति किए जाने के बाद वह प्रस्ताव रद्द कर दिया गया। अब केवल अतिरिक्त पानी ही दिल्ली की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्राथमिकता पर उपलब्ध कराया जाएगा।

जानकारी के अनुसार किशाऊ परियोजना देहरादून (उत्तराखंड) और सिरमौर (हिमाचल प्रदेश)जिलों में टोंस नदी पर स्थित है, जोकि यमुना नदी की सहायक नदी है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) और हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) इस संयुक्त उद्यम की निष्पादन एजेंसी होगीं। 12 मई, 1994 के एमओयू के अनुसार भागीदार राज्यों द्वारा अपने हिस्से के अनुपात में पानी लिया जाएगा जबकि बिजली की आपूर्ति उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को की जाएगी।

गिरि नदी पर भंडारण के निर्माण के बिना जो पानी बह रहा है वह पहले की तरह ही वितरित किया जाएगा। साथ ही भंडारण के निर्माण के कारण उपलब्ध होने वाला अतिरिक्त पानी ही दिल्ली को उपलब्ध कराया जाएगा। इन तीन परियोजनाओं की कुल लागत 9588.60 करोड़ रुपये है, जिसमें से 90 प्रतिशत राशि भारत सरकार द्वारा वहन की जाएगी। क्योंकि इन्हें राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित किया गया।  

Rakhi Yadav