1 लाख बच्चों की गुहार, PM मोदी को पत्र लिख बताई अपनी ख्वाहिश

12/28/2019 1:11:26 PM

जींद (जसमेर): 4 साल से 19 साल तक की उम्र के दौरान बड़ी शहादत देने वाले देश के तमाम बच्चों को सम्मान का उनका हक दिलवाने के लिए जींद से शुरू हुई मुहिम शुक्रवार को मंजिल तक पहुंच गई। जिले के एक लाख स्कूली बच्चों के पी.एम. मोदी के नाम लिखे पत्र जींद में डी.ए.वी. संस्थाओं के क्षेत्रीय निदेशक डा. धर्मदेव विद्यार्थी को उनके कार्यालय में मिल गए हैं। एक लाख स्कूली बच्चों के पत्र इस सिलसिले में मिलने के बाद शुक्रवार को डा.धर्मदेव विद्यार्थी और दूसरे कई संगठनों से जुड़े लोगों ने पी.एम. मोदी के नाम एक ज्ञापन डी.सी. डा. आदित्य दहिया को सौंपा।

इस पत्र में पी.एम. मोदी से मांग की गई कि देश पर बलिदान होने वाले बच्चों की याद में 28 दिसम्बर को बाल बलिदान दिवस घोषित किया जाए। डी.सी. डा. आदित्य दहिया ने ज्ञापन सौंपने वालों को आश्वासन दिया कि वह आज ही इस ज्ञापन को पी.एम. कार्यालय में भेज देंगे। डी.ए.वी. संस्थाओं के क्षेत्रीय निदेशक डा.धर्मदेव विद्यार्थी और जिले के दूसरे कई सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग शुक्रवार सुबह डी.सी. कार्यालय पहुंचे। उन्होंने डी.सी. डा. आदित्य दहिया को पी.एम. नरेंद्र मोदी के नाम लिखा ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि जिले के एक लाख स्कूली बच्चों ने पी.एम. से यह अनुरोध किया है कि 28 दिसम्बर को बाल बलिदान दिवस घोषित किया जाए। यह बाल बलिदान दिवस उन बच्चों की याद में मनाया जाए, जिन्होंने देश और धर्म की रक्षा के लिए बचपन में ही अपने प्राणों का बलिदान देकर भारत मां की रक्षा की।

भारतीय इतिहास में सैंकड़ों बाल वीर ऐसे हैं, जिन्होंने देश और धर्म के लिए खुद को कुर्बान कर दिया। इनमें वीर हकीकत राय से लेकर स्वतंत्रता आंदोलन में अपने प्राणों की बलि देने वाले 6 वर्षीय रधुनाथ, बाल वीरांगनाओं में 8 वर्षीय मैना, हरशरण कौर, कालीबाई ने अपने बलिदान से भारत मां का मस्तक ऊंचा किया है। इन सभी बाल शहीदों के सिरमौर गुरू गोङ्क्षबद सिंह जी के शहजादे 6 वर्षीय फतेह सिंह और 9 वर्षीय जोरावर सिंह ने हंसते-हंसते देश और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था।   

जिले से शुरू हुई मुहिम पहुंची पहली मंजिल तक 
बाल्यकाल में ही देश और धर्म तथा मानवता के लिए शहीद होने वाले बच्चों को सम्मान का उनका हक दिलवाने की यह मुहिम जींद में डी.ए.वी. संस्थाओं के क्षेत्रीय निदेशक डा. धर्मदेव विद्यार्थी ने शुरू की है। इसके तहत अब तक जींद जिले के विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों के एक लाख बच्चों ने पी.एम. नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पी.एम. से आग्रह किया है कि वह बाल शहीदों की याद में 28 दिसम्बर को बाल बलिदान दिवस मनाए जाने की व्यवस्था करें। एक लाख बच्चों द्वारा इस तरह के पत्र पी.एम. को लिखे जाने के साथ ही बाल शहीदों को सम्मान दिलवाने के लिए जींद से शुरू हुई मुहिम शुक्रवार को अपनी पहली मंजिल तक पहुंच गई।  

Isha