शहरवासियों को मिली बड़ी राहत, प्राइवेट नर्सिंग होम्स की खुली ओ.पी.डी.

4/10/2020 10:20:37 AM

अम्बाला शहर (रीटा/सुमन) : जिला प्रशासन के कड़े निर्देश के बाद वीरवार को अम्बाला के तकरीबन सभी डाक्टरों की ओ.पी.डी. खुली नजर आई। कई नर्सिंग होम्स में तो मरीजों की अच्छी-खासी चहल-पहल भी दिखाई दी। माना जा रहा है कि इससे आम मरीजों को काफी राहत मिलेगी। बता दें कि डी.सी. अशोक शर्मा ने बुधवार को इंडियन मैडीकल एसोसिएशन की बैठक बुलाई थी, जिसमें कोरोना के चलते अम्बाला में स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा की गई।

डी.सी. ने डाक्टरों को निर्देश दिए कि वे सुबह 10 से 2 बजे तक अपने ओ.पी.डी. खुली रखें और आपात सेवा के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई डाक्टर या नॄसग होम सरकारी निर्देश की पालना नहीं करेगा तो उसके खिलाफ  कार्रवाई की जाएगी। सिविल सर्जन डा. कुलदीप सिंह ने भी डाक्टरों को इसी तरह के निर्देश जारी किए हैं। लॉकडाऊन लागू होने के बाद कुछ डाक्टरों ने अपनी ओ.पी.डी. बंद कर दी थी और कुछ एक ने तो क्लीनिक के बाहर ओ.पी.डी. 14 तक बंद रहने का सूचना नोटिस चिपका दिया था।

कोरोना के चलते सिविल अस्पताल की ज्यादातर ओ.पी.डी. बंद कर दी गई हैं जिसके चलते आम मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। मरीज के सीरियस होने पर उसे चंडीगढ़ ले जाना भी आसान नहीं रह गया है क्योंकि चंडीगढ़ और वहां पहुंचने के लिए रास्ते में पढऩे वाले पंजाब के इलाके डेराबसी व जीरकपुर में कफ्र्यू लगा हुआ है। इसके लिए सरकारी पास बनवाना भी हर आदमी के वश की बात नहीं है।

वीरवार को जब पंजाब केसरी टीम ने अम्बाला शहर के जसपाल नॄसग होम का दौरा किया तो यहां आने वाले हर मरीज की वहां डिजीटल थर्मामीटर से बुखार की जांच करने के अलावा उसके हाथों को सैनिटाइज किया जा रहा था। सोशल डिस्टैंसिंग का खासतौर पर ख्याल रखा जा रहा था। हरियाणा आई.एम.ए. के अध्यक्ष रहे डा. डी.एस. जसपाल का कहना था कि संकट की इस घड़ी में प्राइवेट डाक्टर पूरी तरह देशवासियों और सरकार के साथ खड़े हैं। 

अम्बाला शहर के अग्रवाल हर्ट एंड सॢजकल हॉस्पिटल में भी आज मरीजों का आना-जाना जारी रहा। यहां के डा. राजीव अग्रवाल व मनोज अग्रवाल लॉकडाऊन के बाद से ही हर रोज मरीजों को देख रहे हैं। डा. सारवाल हॉस्पिटल में आर्थोपैडिक सर्जन डा. अशोक सारवाल के पास कई मरीज इलाज के लिए पहुंचे। डा. सारवाल आई.एम.ए. की अम्बाला शाखा के अध्यक्ष भी है। जानकारी के मुताबिक शहर के एक्स-रे व अल्ट्रासाऊंड केंद्र भी रोज की तरह खुले रहे। 

जब कुछ डाक्टरों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि खांसी-जुकाम व बुखार के ज्यादातर मरीज सिविल अस्पताल में जा रहे थे। लॉकडाऊन के बाद उनके पास काफी कम मरीज ही आ रहे थे इसलिए वे ओ.पी.डी. में थोड़ा बहुत समय ही दे रहे थे लेकिन एमरजैंसी मरीज के लिए वह 24 घंटे उपलब्ध रहे हैं। एक डाक्टर का कहना था कुछ डाक्टरों की उम्र 60 साल से ऊपर है उनमें से कुछ एक डायबिटिक भी हैं। उनके लिए इस माहौल में मरीजों के सम्पर्क मेें आना नुक्सानदायक हो सकता है। 1-2 नॄसग होम में डाक्टर मरीजों को करीब एक मीटर की दूरी से उनकी बीमारी की पूछताछ करते देखे गए और नॄसग में 1-1 मरीज को ही अंदर आने दिया जा रहा था ताकि सोशल डिस्टैंसिंग बनी रहे।

Edited By

Manisha rana