कपालमोचन में संतों के सानिध्य में दलितों के हकों की आवाज बुलंद करने का संकल्प
punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 06:41 PM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : दलित, शोषित और वंचितों के हकों की आवाज बन चुके केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल के मुख्य मीडिया सलाहकार ने अपने जन्मदिवस पर संतों के सानिध्य में दलितों की आवाज बुलंद करने का संकल्प लिया। अब हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान समारोह नए रंग में नजर आएगा। संविधान-स्वाभिमान समारोह की कमान न केवल युवा शक्ति संभालेगी, बल्कि हर गांव में टीम गठित होगी, जोकि दलितों के हकों की पैरोकार बनेगी।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के मुख्य मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया ने अपना जन्मदिवस सादगी के साथ कपालमोचन में साधू-संतों के सानिध्य में मनाया। संतों के आशीर्वाद के साथ कटारिया ने दलितों के हकों की आवाज बुलंद करने और अंत्योदय उत्थान मिशन के तहत समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लाभार्थी तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का संकल्प लिया। कपालमोचन में कटारिया के जन्मदिवस पर सादगी भरा भव्य कार्यक्रम आयोजित हुई। महिलाओं ने मंगलगीत आए और युवाओं ने पुष्प वर्षा के साथ उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। वहीं, साधू-संतों ने मंत्रोच्चरण और शंखनाद के बीच उन्हें दीर्घायु के साथ गरीबों के हकों की आवाज मजबूती से उठाने का आशीर्वाद दिया। यह पहला मौका था, जब कोई राजनीतिक व्यक्ति साधू-संतों के सम्मान के लिए आगे आया है। कपालमोचन में दलित समाज का बड़ा तीर्थ है।
सुदेश कटारिया ने साधू-संतों, महिलाओं और युवा शक्ति का अभिवादन स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हे मान-सम्मान दिया गया है, वे उसके लिए आभारी हैं। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को आश्वास्त किया कि वे हमेशा दलितों, वंचितों व शोषितों की आवाज बने हैं और आगे भी उनके हितों की रक्षा करने से पीछे नहीं हटेंगे। सुदेश कटारिया ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने दलित व शोषित समाज के हकों की पैरोकार करने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि साढ़े 9 साल बतौर मुख्यमंत्री और अब केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के तौर पर मनोहर लाल का राजनीतिक मिशन सेवा है। यमुनानगर के कपालमोचन में आयोजित हुए समारोह में दलित समाज की प्रमुख हस्तियां ने हिस्सा लिया।
भ्रष्टाचार, जातिवाद और क्षेत्रवाद को समाप्त कर पेश किया अंत्योदय उत्थान मॉडल
सुदेश कटारिया ने कहा कि जब वर्ष 2014 में मनोहर लाल ने बतौर मुख्यमंत्री प्रदेश की कमान संभाली तो उन्होंने सबसे पहले भाईभतीजावाद, भ्रष्टाचार, क्षेत्रवाद और जातिवाद जैसे नासूर को न केवल खत्म किया, बल्कि सुशासन, पादर्शिता और अंत्योदय उत्थान का ऐसा मॉडल पेश किया, जोकि आज भी देश भर में मिसाल है। मनोहर लाल ने अंत्योदय उत्थान के मॉडल के जरिये समाज की अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक लाभ पहुंचा, जिसका सबसे ज्यादा फायदा दलितों को हुआ। मिशन मेरिट के आधार पर पढ़े लिखे दलित युवाओं का बिना पर्ची-बिना खर्ची नौकरी लगने का सपना साकार हुआ। इसके साथ ही मनोहर लाल ने एससी कमीशन, सफाई आयोग और पदोन्नति में आरक्षण की लंबित मांग को भी पूरा किया।