लगातार घट रहा है यमुना नदी का जलस्तर, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
7/30/2018 11:30:16 AM
चंडीगढ़(धरणी): यमुनानदी के कैचमेंट एरिया में बारिश थमने के बाद रविवार को यमुना नदी शांत हो गई। जिसके बाद प्रशासन और साथ लगते बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं, शनिवार रात भर यमुनानदी के बढ़े हुए जलस्तर ने नदी के साथ लगते बाढ़ प्रभावित इलाके में जमकर तबाही मचाई। इस दौरान नदी के साथ लगते दो दर्जन से अधिक गांवों की हजारों एकड़ में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई। वहीं, कुछ गांवों में पानी घुसने से लोगों को छतों पर बैठने को मजबूर होना पड़ा।
लगातार घट रहा है यमुना नदी का जलस्तर
रविवार को सुबह सात बजे यमुना नदी का जलस्तर एक लाख 97 हजार क्यूसिक था। जो सुबह नौ बजे तक घटकर एक लाख 56 हजार पहुंच गया और शाम पांच बजे तक जलस्तर घटकर एक लाख पांच हजार क्यूसिक रह गया। जिससे बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोगों ने कुछ हद तक राहत महसूस की।
नदी के उफान ने मचाई भारी तबाही
यमुना तो शांत हो गई लेकिन पिछले 24 घंटों के दौरान नदी के उफान ने जिले में जो कहर ढाया उसकी भरपाई करना काफी मुश्किल है। बाढ़ के पानी ने सड़कों, आबादी व फसलों में काफी तबाही मचाई है जिससे जिलेवासियों का करोड़ों का नुक्सान हो गया है।
बाढ़ से दर्जनों गांव हुए प्रभावित
यमुनानदी व बरसाती नदियों की बाढ़ से जिले में गांव लापरा, मंडी, ओधरी, ब्रह्मपुरा, संधाला, लालछप्पर, संधाली, उन्हेड़ी, बरहेड़ी, मॉडल टाऊन, कमालपुर टापू, दयालगढ़, जठलाना, बागवाली, उन्हेड़ी, मारूपूर आदि समेत करीब 40 गांव प्रभावित हुए। जिनकी हजारों एकड़ में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई। वहीं गांव मंडी व लापरा समेत आधा दर्जन गांवों की आबादी में पानी घुसने से कुछ लोगों को अपने घरों की छत पर बैठकर रात गुजारनी पड़ी।
सब्जी, चारा व अगेती धान की फसल हुई तबाह
बाढ़ की विभिषिका की वजह से साथ लगते गांवों की हजारों एकड़ में खड़ी सब्जी, अगेती धान व चारा आदि की फसलें तबाह हो गई। जिनसे किसानों का करोड़ों का नुक्सान हो गया।
बाढ़ प्रभावित इलाकों का दिन भर करते रहे निरीक्षण
जिला उपायुक्त गिरीश अरोड़ा समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने अलग-अलग स्थानों पर बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। वहीं, बाढ़ रोकथाम के इंतजामों में लगे कर्मचारी भी दिन भर मुस्तैद रहे।
ग्रामीणों को किया अलर्ट
आसमान में अभी भी बादल छाए रहने से जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित सभी गांवों के ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया है। उन्हें हर समय चौकन्ना रहने की सलाह दी गई है। साथ ही ग्रामीणों को आगाह किया गया है कि यमुना के बदलते रुख के बारे में वह तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचना दें, ताकि उन्हें समय पर सहायता उपलब्ध करवाई जा सके।