पेंशन लाभ लेने के लिए हाईकोर्ट की शरण में रिटायर महिला जज

3/15/2018 11:27:21 AM

चंडीगढ़(ब्यूरो): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से रिटायर महिला जज राज राहुल गर्ग को पेंशन लाभ पाने के लिए कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। दायर याचिका में जस्टिस ने केंद्र सरकार के कानून एवं न्याय मंत्रालय, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, इसके रजिस्ट्रार जनरल और यू.टी. के अकाउंटेंट जनरल को पार्टी बनाया है। 

याची रि. जज ने हाईकोर्ट से मांग की है कि प्रतिवादी पक्ष को आदेश दिए जाए कि उनके रिटायरल ड्यू, बेनिफिट्स जारी किए जाएं जिनमें पेंशन और अन्य लाभ शामिल हैं जिसकी वह हकदार हैं। याची अधीनस्थ कोर्ट में 11 मई, 1981 से 31 जुलाई, 2014 तक और हाईकोर्ट में 25 सितम्बर, 2014 से 4 जुलाई, 2017 तक कार्यरत रही। सम्बंधित सर्विस लाभ 18 प्रतिशत सहित मांगा गया है। वहीं, केंद्र सरकार को आदेश दिए जाएं कि याची की 1 अगस्त, 2014 से 24 सितम्बर, 2014 की अवधि को सर्विस में गैप अवधि न माना जाए

हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए 1 मई के लिए प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी किया है। याची रि. जज ने अपनी मांग में द हाईकोर्ट जजिस(सैलरी एंड कंडीशंस ऑफ सर्विस) एक्ट, 1954 का हवाला दिया गया है जिसमें अधीनस्थ कोर्ट और हाईकोर्ट में सेवाओं को लेकर कोई भेद नहीं है। याची वर्ष 1981 में ज्यूडीशियनल ऑफिसर नियुक्त हुई थी जिसके बाद वह हाईकोर्ट जज भी रही। जुलाई, 2014 में अधीनस्थ कोर्ट में सेवाएं पूरी करने के बाद उन्हें 31 जुलाई, 2014 को सेवानिवृत्त होना था। दिसम्बर, 2013 में सर्विस के दौरान उनके नाम की हाईकोर्ट जज के रूप में एलीवेशन के लिए सिफारिश हुई। 

उनका नाम क्लीयर होने में प्रक्रियात्मक देरी के चलते याची 31 जुलाई, 2014 को सिफारिश के लंबित रहने के बीच सेवानिवृत्त हो गई। सेवानिवृत्त होने के तुरंत बाद वह हाईकोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त हो गई। उसके बाद भारत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर मई, 2016 में उन्हें हाईकोर्ट का स्थायी जज बना दिया जिसके बाद 4 जुलाई, 2016 को हाईकोर्ट जज से रिटायर्ड हुई।