रेवाड़ी गैंगरेप: मीडिया रिपोर्टिंग पर SC नाराज, कहा- नाम छोड़ सारी पहचान तो बता दी

9/19/2018 11:59:49 AM

रेवाड़ी (ब्यूरो): रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नाराजगी जताई। कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि कानून का उल्लंघन करने के लिये मीडिया घरानों के खिलाफ क्यों कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि 19 वर्षीय पीड़िता के बारे में 'सब कुछ' कह दिया गया है।

जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में 34 लड़कियाें के यौन शोषण केस की मीडिया कवरेज पर लगी रोक के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरह से दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल में रेवाड़ी में एक लड़की से बलात्कार का मामला सामने आया। उन्होंने (मीडिया) कहा कि वह सीबीएसई टॉपर थी। टॉपर का मतलब एक व्यक्ति, 20 लोग नहीं। इसलिए उसकी पहचान किए जाने में कोई समस्या नहीं है।

वहीं, इस मामले में एक टीवी चैनल ने लड़की की शैक्षणिक उपलब्धि बताई। जब पीड़िता के पिता का इंटरव्यू हो रहा था तो कैमरा उनके पीछे रखा गया था, लेकिन उनके अागे 50 लोग खड़े थे। उन्होंने इस मामले में अागे किसी से बातचीत की होगी, जिसके चलते गुप्त रखने योग्य पहचान सारा देश जान गया होगा। 

जब पीठ ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से रेवाड़ी मामले में मीडिया रिपोर्टिंग के बारे में पूछा तो शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा कि ऐसे चैनलों के खिलाफ राज्य को मुकदमा चलाना चाहिए। अटॉर्नी जनरल ने कहा, "कानून-व्यवस्था के लिए राज्य जिम्मेदार है। एक बार इसे आपके संज्ञान में लाए जाने के बाद अदालत नोटिस जारी कर सकती है और राज्य से पूछ सकती है कि उन्होंने इस संबंध में क्या कार्रवाई की है। टीवी चैनलों से यह भी कहा जा सकता है कि वे इसका जवाब दें। यह सुधार के लिए कदम होगा।" सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 20 सितंबर को निर्धारित कर दी।

Deepak Paul