मंत्री से मिलने आए पीड़ितों पर महिला पुलिसकर्मी ने उठाया डंडा, गेट बंद कर मिलने से रोका (Video)

7/1/2018 10:58:42 AM

रेवाड़ी (मोहिंदर भारती): जिला के गांव गुड़ियानी के श्मशान घाट में लगभग डेढ़ माह पूर्व मृत मिले 2 छात्रों अनिल व कुणाल हत्यारोपियों को गिरफ्तारी व सी.बी.आई. जांच की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे परिजनों को उस समय भी प्रशासन की लताड़ ही मिली, जब वे शनिवार को सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर से मिलने बाल भवन में पहुंचे
 
परिजनों का आरोप है कि गेट पर तैनात महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया और उनके साथ बदसलूकी करते हुए डंडा मारने की धमकी दी। जिससे रोषित होकर परिजनों ने मंत्री के बाहर निकलते ही विधायक बिक्रम सिंह के खिलाफ धावा बोल दिया और जोरदार नारेबाजी करते हुए मंत्री तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश की। दोनों छात्रों के परिजन पिछले कई दिनों से मांगों को लेकर जिला सचिवालय के समक्ष अनशन पर बैठे हैं। यही नहीं, अनशन के चलते छात्रों की मां व दादी की हालत बिगड़ने से वे अभी तक ट्रामा सैंटर में उपचाराधीन है। 

मंत्री से मिलकर लगाई गुहार 
पीड़ित परिजन शनिवार को बाल भवन में सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर से मिले और मामले को फास्ट ट्रैक पर डालकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। परिजनों ने मंत्री के समक्ष पुलिस कार्यप्रणाली पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस से लेकर अधिकारी तक चुप है। पिछले डेढ़ माह से उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है। मामले में तेजी लाने के लिए उन्होंने अनशन भी शुरू किया। भूख हड़ताल व भीषण गर्मी के चलते छात्रों की माताओं व दादियों की हालत खराब होने पर ट्रॉमा सैंटर में भर्ती कराया गया है। समस्या सुनने के बाद मंत्री मनीष ग्रोवर ने भी आश्वासन दिया कि वे कार्यक्रम के बाद संबंधित अधिकारियों से बारे में चर्चा करेंगे। परिजनों ने मंत्री के पास बैठे विधायक बिक्रम सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाए। जिस पर बिक्रम सिंह ने मंत्री मनीष से कहा कि इस मामले में टीम गठित की गई है। जो कि मामले की जांच कर रही है। जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही पूरे मामले का पता चलेगा। 

उल्लेखनीय है कि 15 मई को गुड़ियानी के श्मशान घाट में गांव के 2 बच्चों अनिल व कुणाल के शव मिले थे। जिस पर परिजनों हत्या का आरोप लगाया था लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं कर पाई है। जबकि परिजनों ने दोनों छात्रों के एक दोस्त पर शक जाहिर करते हुए हत्या करने का आरोप लगाया था। उनका आरोप है पुलिस इस मामले को मात्र सुसाइड से जोड़ कर सामान्य कार्रवाई करने पर जुटी हुई है। पुलिस की कार्यप्रणाली से रोषित परिजन मामले में गिरफ्तारी को लेकर अनशन पर बैठ गए। भूख हड़ताल के चलते कुणाल व अनिल की मां व दादी बेहोश हो गई थी। जिन्हें ट्रॉमा सैंटर में भर्ती कराया गया। 

क्या कहना है छात्रों के पिता का 
कुणाल व अनिल के पिता रामौतार सैनी व प्रदीप कुमार का कहना है कि वे पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हैं लेकिन पुलिस इस मामले में लापरवाही कर रही है। जिसके चलते वे भी मरने की कगार पर है। उनका कहना है कि उनके बच्चे बिना कसूर दुनिया से चले गए और वे बच्चों को न्याय दिलाने के लिए अनशन पर बैठे हैं लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली से नहीं लगता कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं। 

Nisha Bhardwaj