सड़क हादसेः वर्ष 2019 में गुरुग्राम, करनाल और सोनीपत में हुई सबसे ज्यादा मौतें

12/24/2019 9:18:44 AM

डेस्क: पिछले कई वर्षों से हरियाणा में हर साल सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा 5 हजार के आस-पास रहता है। यानी हर माह करीब 40 लोगों की जान चली जाती है। वर्ष 2018में मौतों का आंकड़ा 4,761 था जो नवम्बर माह तक 4,613 रह गया है। मसलन 118 मौतों की कमी को विभागीय अफसर सुधार की बात कहकर पीठ थपथपा रहे हैं पर नैशनल व स्टेट हाइवे पर ब्लैक प्वाइंट्स अभी भी हादसों को न्यौता दे रहे हैं। वहीं,जिलावार हादसों की बात करें तो सबसे ज्यादा मौतें गुरुग्राम,करनाल और सोनीपत में हुई हैं।

ब्लैक प्वाइंट बने हादसों की वजह
ब्लैक प्वाइंट्स को भी नैशनल व स्टेट हाइवे पर बढ़ रहे हादसों की वजह माना गया है। अम्बाला से दिल्ली तक नैशनल हाईवे पर कई ऐसे अवैध कट हैं जिन पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। वहीं, सड़क किनारे खड़े वाहन भी अहम कारण बन गए हैं जिन्हें रोकने हेतु कोई ठोस योजना नहीं बन पाई है।

गृह मंत्री ने बैठक में दिए सख्त आदेश
गृह मंत्री अनिल विज ने पुलिस महानिरीक्षक यातायात डा.राजश्री के साथ बैठक कर सड़क सुरक्षा मजबूत बनाने सहित दुर्घटनाओं को और कम करने के लिए बहु-आयामी रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने साइनबोर्डों की स्थापना सुनिश्चित करने का निर्देश दिए और ब्लैक स्पॉट की तुरंत पहचान की जानी चाहिए। इस दिशा में राष्ट्रीय राजमार्ग  प्राधिकरण तथा लोक निर्माण (भवन और सड़क) विभाग के अधिकारियों के साथ सड़क इंजीनियरिंग के संबंध में सुधार कर दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।

एन.सी.आर. क्षेत्र में सबसे ज्यादा सड़क हादसे
पुलिस के आंकड़ों मुताबिक सबसे ज्यादा सड़क हादसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के जिलों में हो रहे हैं। गुरुग्राम सबसे आगे है जहां मौजूदा वर्ष में जनवरी से नवम्बर माह तक 377 मौतें हो चुकी हैं जबकि 782 घायल हुए हैं। इसी तरह फरीदाबाद में 228,करनाल में 347,सोनीपत में 342,पानीपत में 275, झज्जर में 256,रेवाड़ी में 223,पलवल में 213 व मेवात में 206 मौतें हुई हैं। हालांकि अम्बाला,पंचकूला और कुरुक्षेत्र जिले में भी मौतों का आंकड़ा कम नहीं है।

दुर्घटना को कम करने के लिए चलाए जागरूकता अभियान
गृह मंत्री ने सार्वजनिक जागरूकता पैदा करने पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करने वाले सभी प्रयासों को तेज किया जाना चाहिए। पुलिस संबंधित विभागों की सहायता से सुरक्षित सड़क अवसंरचना के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हाईवे-पैट्रोङ्क्षलग की टीमें हर जिलों में राजमार्गों पर दिखाई दें।

Isha