रोडवेज कर्मियों और सरकार में तनाव की स्थिति, फिर हो सकता है टकराव

11/10/2018 6:29:38 PM

यमुनानगर(सुमित): प्रदेश की जनता को एक बार फिर से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। क्योकि सरकार ने अब 190 ओर बसों के लिए टेंडर निकाल दिए है। जिससे रोडवेज कर्मियों में रोष है, बता दें पिछले दिनों सरकार द्वारा 510 बसों को परमिट देने के विरोध में 16 अक्टूबर से 2 नवंबर तक कर्मचारी 18 दिन हड़ताल पर रहे। जिससे प्रदेश की जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। 

बावजूद इसके विभाग ने कोई सबक नहीं सीखा है। अब सरकार ने 190 बसें और हायर करने के टेंडर कल जारी कर दिए हैं। 13 नवंबर तक आवेदन पत्र हरियाणा ट्रांसपोर्ट की वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकेंगे। 21 नवम्बर तक ऑनलाइन टेंडर आवेदन करने की अंतिम तरीख रखी गई । अब देखना होगा कि अगर फिर से सरकार व रोडवेज कर्मी अामने- सामने हो गए तो इस बार हड़ताल को कौन खत्म करवाएगा। 
 

हरियाण रोडवेज वर्कर कमेटी के प्रधान हरिनारायण शर्मा का कहना है कि सरकार फिर से गलत कदम उठाया है। इस बार तो सरकार ने पंजाब हरियाणा हाइकोर्ट के फैसले की भी अवमानना की है। उनका कहना है कि सरकार ने 190 बसों को टेंडर देकर ये बात साबित कर दी है कि सरकार बातचीत नहीं बल्कि टकराव के मूड़ में है। उनका कहना है कि हाइकोर्ट के अादेश पर रोड़वेज की 18 दिन चली हड़ताल को वापस लिया गया था, 14 तारीख को फिर से कोर्ट में बुलाया गया है। रोडवेज कर्मचारी कोर्ट के अादेश की पालना करते हुए चुप है। 

बतां दे हरियाणा रोडवेजकर्मियों द्वारा की गई हड़ताल के चलते अाम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। वहीं सरकार को भी बसें खड़ी रहने से करोड़ों का घाटा हुअा। जितना घाटा इन 18 दिनों में हुअा है उतने में नई 500 बसों को खरीदा जा सकता था। वहीं हड़ताल के दौरान भर्ती किए गए कर्मियों के साथ भी धोखा हुअा, जहां परेशानी के दिनों में उन्होंने बसों की कमान को संभाला वहीं हड़ताल खत्म होते ही सरकार ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। 

Deepak Paul