रोड ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बिल का विरोध, हरियाणा में नहीं चल रही 4000 बसें

8/7/2018 12:34:34 PM

अम्बाला(अमन कपूर): हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन की अम्बाला इकाई सदस्यों का अनिश्चितकालीन धरना 42वें दिन भी जारी रहा जिसकी अध्यक्षता रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के धर्मबीर सिंह व संचालन संजय कालता ने किया। रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला कमेटी के सचिव मा. कुलदीप चौहान के नेतृत्व में पूर्णचंद, प्रवीन कुमार, करनैल सिंह, जगजीत सिंह राणा, सतपाल, रामसरण, रणजीत सिंह, अशोक कुमार, मा. रामचंद्र, मामचंद, पी.टी. आई.जगदीश चंद, बिजली विभाग से प्रमोद, आल हरियाणा पावर कार्पोरेशन के राज्य नेता महेश गोयल ने मटका फोड़कर धरने का समर्थन किया। 

जिला प्रधान रामगोपाल ने कहा कि आने वाली 9 अगस्त को रोडवेज कर्मचारियों के धरने के समर्थन में जिला कमेटी डी.सी. कैम्प पर मशाल जलूस निकालेगी और ज्ञापन सौंपेगी। महाप्रबंधक अम्बाला को चेतावनी देते हुए कहा कि धरने पर बैठे कर्मचारियों से बातचीत करके सभी मांगों व समस्याओं का समाधान करें अन्यथा रिटायर कर्मचारी संघ हरियाणा भी सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के साथ मिलकर इस आंदोलन में भाग लेगा। राज्य प्रधान इंद्र सिंह बधाना ने कहा कि अगर देश में रोड़ ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बिल के विरोध में 7 अगस्त को पूरे प्रदेश की 4000 बसों का पूर्ण रूप से चक्का जाम होगा। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में 14,000 सरकारी बसों को बेड़े में शामिल किया जाए ताकि प्रदेश के 84,000 बेरोजगार युवाओं को पक्का रोजगार मिल सके। 

रोहतक(दीपक भारद्वाज):  ट्रांसपोर्ट बिल 2017 और हरियाणा सरकार द्वारा 700 निजी बसों को पट्टे पर लेकर चलाने के विरोध में आज हरियाणा रोडवेज का चक्का जाम रहा। यूनियन ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार पहले फैसले को रद्द करे तभी बातचीत सम्भव हो सकती है। 

बहादुरगढ़(प्रवीन धनखड़): हरियाणा रोडवेज की बसों की हड़ताल से राजधानी दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग मेट्रो ट्रेन और निजी वाहनों से सफर करने को मजबूर है।

यमुनानगर(सुमित ओबरॉय):   हरियाणा सरकार और रोडवेज कर्मचारियों में एक बार फिर ठन गई है। परिवहन विभाग द्वारा प्राइवेट बसें हायर करने के फैसले के विरोध में और मोटर व्हीकल संशोधन बिल 2017 को रद्द करवाने को लेकर आज रोडवेज कर्मचारी चक्का जाम कर हड़ताल पर है। इससे करीब 13 लाख यात्री प्रभावित होंगे। कर्मचारियों ने चक्का जाम का ऐलान करीब दो सप्ताह पहले ही कर दिया गया था। इसके बावजूद सरकार की ओर से कर्मचारियों को मनाने की कोई ठोस कोशिश नहीं हुई है।

इतना ही नही, जींद, कैथल, कुरूक्षेत्र, सिरसा, पानीपत, टोहाना, करनाल, फतेहाबाद, फरीदाबाद, रेवाड़ी, नूंह मेवात, गुड़गांव हर जगह चक्का जाम है। जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। अब देखना यह होगा सरकार इनकी मांगों को कब तक पूरा करती है। 

Rakhi Yadav