सरकार की वादाखिलाफी पर रोडवेज का चक्का जाम, एक साथ जुटी 8 यूनियनें

6/12/2017 5:24:00 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):रोड़वेज बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति ने 13 जून से पूरे प्रदेश में रोड़वेज का चक्का जाम रखने का एलान किया है। रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रांतीय प्रधान हरिनारायण शर्मा व अॉल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता बलवान सिंह कर्मचारी नेता नसीब सिंह के अनुसार सभी रोड़वेज कर्मचारियों को सूचित किया है कि सरकार की वादाखिलाफी, हठधर्मिता, तानाशाही व दोहरी नीति के कारण कोर्ट के आदेशों का सहारा लेकर हुए समझौते का उल्लंघन करते हुए भिन्न-भिन्न डिपुओं में प्राइवेट बसों को चलवाने का प्रयास किया जा रहा है। परिवहन विभाग के ए.सी.एस. एस.एस. ढिल्लो ने कहा था कि बिना शर्तों को पूरा किए किसी भी निजी बस को चलने नहीं दिया जाएगा। निजी बसों को सभी 39 नॉर्म्स पूरे करने होंगे। बसों में जी.पी.एस. प्रणाली इंस्टाल करनी होगी, सभी 33 श्रेणी के यात्रियों को यात्रा की फ्री सुविधा देनी होगी।

परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने भी कर्मचारी नेताओं से कहा था कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में वर्ष 2016-17 की स्कीम से संबंधित विचाराधीन मामले को वापस लेने के लिए कोर्ट में सरकार एक शपथ पत्र फाइल करेगी। जन हित में प्रदेश के 273 मार्गों पर 853 निजी बसें चल रही थी, वे चलती रहेंगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा रोडवेज की बसों में जिन 39 श्रेणियां, जिनमें स्वतंत्रता सेनानी, विद्यार्थी इत्यादि शामिल हैं को सुविधा दी जा रही है। निजी बस परमिट धारकों द्वारा भी  इन श्रेणियों को ये सुविधाएं प्रदान करना अनिवार्य है। यदि कोई इसका उल्लंघन करेगा तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी । 

सरकार ने नई परिवहन नीति बनने तक पुरानी नीति में निजी ऑपरेटरों को दिए परमिट पर बसें चलाने की अनुमति मांगी थी, जो उन्हें हाईकोर्ट से मिली हुई है। इसके आधार पर ही निजी ऑपरेटर बसें चला रहे हैं। इससे रोडवेज कर्मी खफा हैं और आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य सरबत पूनिया ने बताया कि पहले से तय कार्यक्रम के तहत 18 जून को मतलौडा में घेराव व 9 जुलाई को करनाल में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय का घेराव किया जाएगा| 

रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रांतीय प्रधान हरिनारायण शर्मा ने कहा कि प्राइवेट परमिट को रद्द कर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। रोडवेज कर्मचारियों के विरोध के बाद भी अम्बाला-पिहोवा रोड पर बसें चलाई जा रही हैं जबकि पुरानी पॉलिसी रद्द हो चुकी है और नई पॉलिसी अभी तक जारी नहीं हुई। ऐसे में अवैध रूप से प्राइवेट बसों को चलाया जा रहा है। कोई भी बस सरकार द्वारा दी हिदायत को पूरी नहीं करती। अम्बाला डिपो से रोजाना 200 से ज्यादा बसें चलती हैं। वहां चल रहे धरने से रोडवेज की बसें नहीं चलने से लाखों रुपए का लॉस हुआ। 

शर्मा ने कहा की 4 जून को  समझौता वार्ता में यह स्पष्ट कर दिया था कि प्राइवेट रूट परमिट पॉलिसी 2016-17 को किसी भी सूरत में सरकार लागू नहीं करेगी। मगर अब सरकार अपने ही वादे से मुकर रही है।  सरकार की इस वादाखिलाफी से कर्मचारियों में गहरा रोष बना हुआ है। सरकार को चाहिए कि वह रोडवेज बेड़े में जल्द से जल्द दस हजार नई बसें शामिल कर कम से कम पचास हजार कर्मचारियों की भर्ती करे। रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रांतीय प्रधान हरिनारायण शर्मा ने  प्रदेश की जनता से भी अपील की है कि रोडवेज कर्मचारियों का यह महा आंदोलन केवल कर्मचारियों का न होकर जनता के हक की लड़ाई भी है। 

पैसेंजर होंगे परेशान
रोडवेज की हड़ताल में लोगों के लिए परेशानी  स्वाभाविक है। अधिकांश यात्रियों को  अपने गंतव्य स्टेशनों पर जाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि हरियाणा के 50 हजार से अधिक लोग जो चंडीगढ़ सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों में काम करते हैं। लोग पानीपत, सोनीपत, बहादुरगढ़, रोहतक से दिल्ली व नोएडा रोजी रोटी कमाने लिए प्रतिदिन आवागमन करतें हैं।

रोडवेज यूनियनों ने तीखे किए तेवर
हरियाणा सरकार द्वारा बार-बार की जा रही वादाखिलाफी तथा निजी बस संचालकों पर अंकुश न लगाए जाने के खिलाफ रोडवेज यूनियनों ने तेवर तीखे कर लिए हैं। आठों यूनियनों में इस बात पर गहरा रोष है कि सरकार बार-बार समझौते करती है और उनसे मुकर जाती है। सरकार की धोखे वाली नीति से कर्मचारी वर्ग में भारी रोष है और अब वे सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।

कब-कब हुआ चक्का जाम
प्रदेश भर में एक और दो सितंबर 2015 को रोडवेज बसों का चक्का जाम हुआ था।
29-30 जून 2016 की प्रदेशव्यापी भाजपा सरकार द्वारा आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून  (एस्मा) लगाया गया था। 11 अप्रैल से 13 अप्रैल 2017 प्राइवेट बसों को परमिट देने का विरोध करते रोडवेज बसों का चक्का जाम कर दिया गया था। 4 जून को हरियाणा निवास में सरकार व कर्मचारी नेताओं में समझौता हुआ था अौर 5 जून को हरियाणा में चक्का जाम स्थगित हुआ था। 

कैथल  न्यू जगदम्बा कोआपरेटिव ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने दायर की याचिका सुनवाई 6 जुलाई को 
पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अर्जी पर सुनवाई करते हुए कैथल के डीसी व एसपी को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चत करें कि याचिकाकर्ता कोआपरेटिव ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बसों को रोडवेज यूनियन चलने से रोक न पाए। इस मामले में इस मामले में कैथल न्यू जगदम्बा कोआपरेटिव ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी व अन्य ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के पूर्व आदेश व सरकार की नीति के तहत उनको बस चलाने की इजाजत है। लेकिन कुछ दिनों से रोडवेज यूनियन उनकी बस रोकने के लिए काम कर रही हैं। ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि राच्य में लगभग 30 हजार बसों की जरूरत है लेकिन सरकार के पास केवल 3 हजार के करीब बस हैं। याचिकाकर्ता ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के पास सरकार द्वारा जारी वैध परमिट है। लेकिन पिछले दिनों रोडवेज की हड़ताल के चलते दवाब में उनके पास परमिट होने के बाद भी उनको बस चलाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। लेकिन कुछ दिन पहले हाईकोर्ट के आदेश पर उनको अनुमति मिल गई लेकिन अब फिर रोडवेज यूनियन उनकी बस रोकने का काम कर रही है। उनका केस अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है जिसकी सुनवाई 6 जुलाई है लेकिन उनको अर्जी दायर करने के लिए दोबारा हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कैथल के डीसी व एसपी को आदेश दिया कि  अगर याचिकाकर्ता के पास वैध परमिट है तो उसको उस परमिट के अनुसार उसको बस चलाने की इजाजत दी जाए और उनकी बस की सुरक्षा का सुनिश्चत की जाए।