अब 'रॉकिंग' लाइफ जीएगी आवारा घूमने वाली रॉकी, गलियों से सीधा जाएगी लंदन (VIDEO)

11/17/2020 3:44:17 PM

फरीदाबाद (अनिल राठी): कहते हैं जिसका दाना पानी जहां लिखा हो भगवान उसे वहां कैसे ना कैसे पहुंचा देता है, चाहे वो जगह सात समुंदर पार ही क्यों ना हो। ऐसे ही एक कहानी है हरियाणा के फरीदाबाद की गलियों में आवारा कुत्तों के साथ घूमने वाली रॉकी (कुत्तिया) की, जिसका अब नया घर लंदन में होगा। रॉकी कल यानि 18 नवंबर को कार्गो प्लेन में बैठकर लंदन जाएगी। उसे लंदन की एक संस्था ने गोद लिया है।



रॉकी की काफी भावुक कर देने वाली कहानी है। पूरी कहानी सिलसिलेवार तरीके से बताए तो करीब 1 साल पहले बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की चपेट में आने से रॉकी ने अपने दोनों पैर गंवा दिए थे, जिसे गंभीर हालत में जीआरपी पुलिस के जवान ने पीपल फॉर एनिमल संस्था को सौंपा। जहां डॉक्टरों ने इसका इलाज किया और इंफेक्शन फैल जाने के चलते आगे के दोनों पैर काट दिए, जिससे इसकी जान तो बच गई लेकिन हमेशा के लिए अपाहिज हो गई। 

रॉकी आगे के दो पैर ना होने के चलते मुंह को जमीन पर टिका कर चलने लगी, यह सब संस्था के कर्मचारियों से नहीं देखा गया तो उन्होंने जयपुर में जानवरों के कृत्रिम अंग बनाने वाले डॉक्टर से संपर्क किया जहां रॉकी को कृत्रिम पैर भी लगवाए गए, लेकिन ऊपर वाले को तो कुछ और ही मंजूर था और यह कृत्रिम पैर भी रॉकी के शरीर पर कारगर साबित नहीं हुए।  



इस पूरे प्रकरण की संस्था ने एक डॉक्यूमेंट्री तैयार की और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, इस वीडियो को सात समुंदर पार लंदन में बैठी जानवरों के लिए काम करने वाली संस्था ने देखा और फैसला लिया कि वह अपने खर्चे पर रॉकी को गोद लेंगे और लंदन बुलाएंगे। बस फिर क्या था, लंदन की एनिमल संस्थान ने फरीदाबाद की पीपल फॉर एनिमल संस्था से संपर्क किया और रॉकी को गोद लेने की बात की। जिस पर फरीदाबाद की पीपल फॉर एनिमल संस्था भी बहुत खुश हुई।

पीपल फॉर एनिमल संस्था के पदाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अब 18 नवंबर को रॉकी कार्गो प्लेन में बैठ कर लंदन जाएगी, जिसकी तैयारियां चल रही हैं। एक तरफ जाने की खुशी है तो दूसरी तरफ दुख भी है, क्योंकि 1 साल का सफर रॉकी के साथ बहुत अच्छा गुजरा है और अब उन्हें लगता है जैसे उनकी बेटी शादी करके अपने ससुराल जा रही है। 



उन्होंने बताया कि लंदन तक जाने के सफर के लिए लगभग 3 लाख का खर्च आया है, जिसे लंदन की संस्था ने वहन किया है। उन्होंने कहा की तमाम तरह की डॉक्टरी जांच पूरी हो चुकी है और खास किस्म की केज में रॉकी कार्गो प्लेन के जरिए अब लंदन पहुंच जाएगी।

संस्था में मौजूद जानवरों के डॉक्टर वर्मा ने बताया की रेल एक्सीडेंट के बाद जब जीआरपी के कर्मचारी इसे शेल्टर होम में लेकर आए थे तब इसकी हालत बहुत नाजुक थी और ब्लीडिंग होने के चलते इसके बचने की उम्मीद भी नहीं थी, लेकिन हमने अच्छा इलाज देने की कोशिश की और इसके अगले दोनों पैरों को काटना पड़ा। जिससे इसकी जान तो बच गई लेकिन यह अपाहिज हो गई, लेकिन बहुत जल्दी ही इसने कटे हुए पैरों से चलना सीख लिया अब यह लंदन जा रही है जिसकी उन्हें बेहद खुशी है।

vinod kumar