जसिया में रैली को लेकर विरोध के स्वर तेज, विरोधी खेमे ने चंदे को लेकर उठाए सवाल

11/12/2017 4:47:28 PM

रोहतक(ब्यूरो): अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की जसिया में 26 नवंबर को होने वाली रैली को लेकर लगातार विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं। समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक के खिलाफ जसिया में ही शनिवार को कई जिलों से आए विरोधी खेमे की बैठक हुईं। इसमें आरक्षण आंदोलन के दौरान इकट्‌ठा किए गए चंदे के प्रयोग पर सवाल उठाए गए। वहीं, जसिया में प्रस्तावित प्रतियोगी परीक्षा केंद्र बनाने का भी विरोध किया।

बैठक में कहा कि समिति आरक्षण व जेल में गए युवाओं को राहत देने के मुद्दों से भटक गई है। जसिया पंचायत ने रैली रोकने के मुद्दे पर दो दिन में गांव में पंचायत कर अपना फैसला देने की मोहलत मांगी। बैठक में कहा कि कोई फैसला नहीं हुआ तो 18 नवंबर को हुड्डा खाप के चबूतरे बसंतपुर पर बैठक बुलाई जाएगी। मलिक गुट की ओर से जसिया में इंस्टीट्यूट बनाने के लिए साढ़े 16 एकड़ जमीन खरीदी गई है। 26 नवंबर को ही यहां दीनबंधु छोटूराम प्रतियोगी परीक्षा केंद्र की आधारशिला रखनी प्रस्तावित है। जसिया की मुख्य चौपाल में शनिवार दोपहर साढ़े 12 बजे पंचायत शुरू हुई। इस पंचायत में रोहतक, हिसार, झज्जर, जींद और कैथल समेत कई गांवों के सरपंच और जेल से जमानत पर आए आंदोलनकारियों ने शिरकत की। झज्जर के मांडौठी गांव के दिलबाग सिंह दलाल ने जसिया पंचायत को पत्र लिखकर इस पंचायत को बुलाया था। जसिया के होशियार सिंह नंबरदार ने पंचायत की अध्यक्षता की। जसिया में चंदे के पैसे से यशपाल मलिक गुट की ओर से प्रस्तावित प्रतियोगी परीक्षा केंद्र के निर्माण का भी विरोध किया गया।

मकड़ौली के सरपंच सुमित ने कहा कि आरक्षण आंदोलन के दौरान मलिक का खुलकर साथ दिया था, लेकिन अब मलिक का ध्यान असल मुद्दों से हट गया है। मलिक से 9 सवाल पूछे गए थे लेकिन इनका जवाब देने की बजाय उल्ट उन पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं। जेल गए आंदोलनकारियों का प्रतिनिधित्व कर रहे योगानंद बलियाणा ने कहा कि जेल जाने वाले आंदोलनकारियों की भी सुध नहीं ली।

पंचायत में मौजूद मीना मकड़ौली ने जाट आरक्षण संघर्ष समिति के हरियाणा प्रभारी अशोक बल्हारा के खिलाफ महिलाओं का अपमान करने और चंदे में धांधली का आरोप लगाया। इस पर अशोक बल्हारा ने कहा कि सभी आरोप निराधार हैं। आरोप लगाने से पहले लोगों को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।

ये उठाई 3 मांगें
जो चंदा एकत्र हुआ उससे जेल में गए युवाओं की मदद हो
मारे गए लोगों के परिवारों की आर्थिक मदद
आरक्षण की पैरवी पर राशि खर्च की जाए।