महिलाकर्मियों से सोशलमीडिया पर नहीं जुड़ सकेंगे आरपीएफ कर्मी, नई गाईडलाईन जारी

2/28/2018 3:55:47 PM

फरीदाबाद(ब्यूरो): देशभर के आरपीएफ जवान अब अपने साथ तैनात महिलाकर्मियों को सोशलमीडिया साईट्स पर जुड़ नहीं सकेंगे। जिसके लिए विभाग ने एक नई गाईड लाइन जारी करते हुए यह निर्देश दिए हैं कि आरपीएफ जवान सोशल साइट्स पर फ्रेंड्स रिक्वेस्ट और वॉट्सएप पर संपर्क नहीं करेंगे। यही नहीं कोई भी सहकर्मी ऑफिशियल काम के सिवाय उनके मोबाइल पर कॉल भी नहीं करेगा। आरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) धर्मेंद्र कुमार ने सभी मुख्य सुरक्षा आयुक्तों को जनवरी में पत्र भेजकर इस व्यवस्था को लागू करने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि उत्तर पूर्व रेलवे में कार्यरत महिला कर्मियों की अपने सहकर्मियों के प्रति मिल रही शिकायतों के बाद डीजी ने गाइडलाइन जारी की है।

डीजी ने 11 प्वाइंट की गाइडलाइन में महिलाकर्मियों को अन्य कई सुविधाएं उपलब्ध कराने के निदेश भी दिए गए हैं। डीजी ने इस गाइडलाइन पर खुशी जताते हुए इसे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाला बताया है।

उन्होंने बताया कि महिलाकर्मियों को सुरक्षित माहौल देने के लिए कोई भी सहकर्मी किसी महिलाकर्मी को सोशल साइट्स जैसे फेसबुक व वॉट्सएप ग्रुप पर फ्रेंड रिक्वेस्ट नहीं भेजेगा और न ही संपर्क करेगा। इसके अलावा ऑफिशियल काम के सिवाए उनके मोबाइल पर कोई कॉल भी नहीं करेगा। थाने व चौकियों में कम से कम दो महिला कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। एक महिलाकर्मी की तैनाती करने से अफसरों को बचना होगा।

रात में नहीं लगेगी महिलाकर्मियों की ड्यूटी
डीजी के अनुसार, थाना, चौकी, रेलवे यार्ड, पीआरएस अथवा एस्कोट्र्स ड्यूटी पर रात में महिलाकर्मियों को तैनात नहीं किया जाएगा। इसके अलावा जहां तक संभव हो महिलाकर्मियों के लिए रेस्ट रूम और ड्रेस चेंजिंग रूम भी उपलब्ध कराया जाए। सुपरविजन अधिकारी अकेले किसी महिलाकर्मी को डिस्कशन व ब्रीफिंग के लिए अपने चेंबर में नहीं बुला सकते। गाली-गलौज आदि भाषा का उपयोग करना अनुशासनहीनता मानी जाएगी। 

महिलाकर्मियों की शिकायत पर सुरक्षित माहौल देने के लिए गाइडलाइन जारी
आरपीएफ सूत्रों का कहना है कि उत्तर पूर्व रेलवे में कार्यरत महिला कर्मियों की अपने सहकर्मियों के प्रति मिल रही शिकायतों के बाद डीजी ने गाइडलाइन जारी कर पुलिस कर्मियों को सचेत किया है। इसके अलावा अन्य रेलवे जोन से भी शिकायतें मिल रही थी कि उनके सहकर्मियों का व्यवहार अच्छा नहीं है। हालांकि इस मुद्दे पर कोई आरपीएफ अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।