हरियाणा पर आरएसएस की नजर- तीन दिन होगा मंथन, दत्तात्रेय होसबले करेंगे शिरकत

punjabkesari.in Saturday, Aug 21, 2021 - 11:29 PM (IST)

रेवाड़ी (योगेंद्र सिंह): हरियाणा की राजनीति के भविष्य का रोडमेप मजबूत करने की दिशा में लगातार भाजपा पार्टी मंथन कर रही है। हरियाणा में राज करने के लिए दक्षिण हरियाणा में सर्वाधिका मजबूती जरूरी है। जाटलैंड में वैसे भी भाजपा को अधिक सफलता नहीं मिल रही है। इसी के चलते विगत दिनों केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दक्षिण हरियाणा का दो दिन का दौरा किया और अब आरएसएस भी यहां पर तीन दिवसीय मंथन का कार्यक्रम आहूत करने जा रही है। हरियाणा में अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए आरएसएस का यह मंथन कार्यक्रम मिल का पत्थर साबित हो सकता है।

हरियाणा की राजनीति नब्ज टटोलने के साथ ही मजबूत पकड़ बनाने के साथ ही राष्ट्रवाद के मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए रेवाड़ी में 27 अगस्त से 29 अगस्त तक आरएसएस का मंथन शिविर आहूत किया जा रहा है। इसमें सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबले खुद शरीक होंगे। उनकी अगुवाई में ही हरियाणा के भविष्य की राजनीतिक का रोडमेप तैयार करने के साथ ही राष्ट्रवाद के भविष्य को लेकर मंथन किया जाएगा।

उत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय एवं हरियाणा प्रांत व विभाग स्तरीय पदाधिकारियों के समसामयिक मुद्दों एवं प्रदेश की राजनीतिक मिजाज का मंथन करने के लिए आरएसएस के लिए 27 अगस्त से 29 अगस्त के यह तीन दिन खासे महत्वपूर्ण रहेगी। 

बताया जाता है कि संघ के उत्तर क्षेत्र में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, चंडीगढ़ व जम्मू कश्मीर, लद्दाख का क्षेत्र आता है। बावजूद हरियाणा के रेवाड़ी में तीन दिवसीय मंथन का आयोजन कई संकेत देता है। इससे साफ पता चलता है कि आरएसएस के लिए हरियाणा काफी महत्वपूर्ण हैं। सर्वविदित है कि आरएसएस का राजनीति में सीधा दखल नहीं देता है और हमेशा ही राष्ट्रवाद के मुद्दों पर बातचीत कर अपनी राय रखता है। इसके चलते जातिवाद एवं क्षेत्रवाद के बजाए आरएसएस इन तीन दिनों में राष्ट्रवाद को ही प्राथमिकता देगा। बावजूद भाजपा के लिए वह भविष्य की राजनीति के गुर देने में वह पीछे नहीं रहता है। इसी के चलते रेवाड़ी में होने वाले मंथन शिविर का सीधा सा फायदा भाजपा को ही मिलना है। किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार की कार्यशैली पर लगातार सवालिया निशान लग रहे हैं और किसानों के टारगेट पर मंत्री हैं। वहीं कोरोना काल में भी सरकार की छवि को धक्का लगा है। इसके चलते निश्चित रूप से अब सरकार की छवि को बेहतर करने की जिम्मेदारी आरएसएस की सबसे अधिक है।

अर्से बाद सरकार्यवाहक का रेवाड़ी दौरा
आरएसएस के सरकार्यवाहक का अर्से बाद रेवाड़ी आगमन हो रहा है। इसे सभी महत्वपूर्ण मान रहे हैं। तीन दिवसीय मंथन शिविर में निश्चित रूप से आरएसएस की कार्यप्रणाली, शाखाओं के विस्तार के अलावा केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। सभी को मालूम है कि आरएसएस में सर संघचालक के बाद सरकार्यवाहक का नंबर आता है। मार्च माह में ही दत्तात्रेय होसबले ने भैया जी जोशी का स्थान लिया था।


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Shivam

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