ताक पर नियम, खतरे में जिंदगी

6/30/2019 5:01:08 PM

सिरसा (कौशिक): पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद जिले के लोग हैल्मेट पहनना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। दूसरी ओर बिपस हैल्मेट के दुर्घटनाओं से बचने की संभावना भी पूरी तरह क्षीण हो जाती है। गौरतलब है कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत स्कूटर व बाइक चालक को हैल्मेट पहनना जरुरी है, लेकिन अधिकांश इसकी जरूरत नहीं समझते। हालांकि इसमें पुलिस को कोई लाभ नहीं है, बल्कि पुलिस तो चाहती है कि सभी नागरिक हैल्मेट का प्रयोग करें, ताकि सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

हैल्मेट पहनना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं युवा
ज्यादातर मौतें सिर पर चोट लगने के कारण होती हैं। आज का युवा वर्ग हैल्मेट पहनने से कतराता है। मानों ऐसा लगता है जैसे पुलिस को उनकी चुनौती हो कि पकड़ों तो जानें। क्योंकि एकआध को छोड़कर कोई भी हैल्मेट पहने दिखाई नहीं देता। किसी भी युवा को यदि हैल्मेट पहनने की नसीहत दी जाए तो एक ही रटा-रटाया जवाब सुनने को मिल ही जाएगा कि हैल्मेट की क्या जरूरत है। इससे सिर के बाल खराब हो जाएंगे, लेकिन युवा वर्ग की यह बहुत बड़ी भूल है, क्योंकि हैल्मेट पहनना जहां जरूरी है, वहीं दुर्घटना होने की स्थिति में में हैल्मेट ही सिर पर चोट लगने से बचाता है। न जाने क्यों लोग हैल्मेट पहनना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं।

सिर पर नहीं बाइक पर लटका लेते हैं हैल्मेट
कुछ लोग हैल्मेट को अपने वाहनों पर लटका लेते हैं लेकि न सिर पर पहनना उन्हें भी बोझ सा लगता है। वे सिर्फ पुलिस के खौफ से वाहनों पर हैल्मेट लटका कर चलते है, वे तो सिर्फ चालान से बचने के लिए ऐसा करते हैं। सरकारी कार्यालयों में तैनात कर्मचारी भी भला क्यों पीछे रहने लगे? उनका भी यही आलम है हैल्मेट पहनना वे अपनी तौहीन समझते है। सरकार कर्मचारी को चालान कटने का डर ही नहीं होता वे तो बेखौफ पुलिस चालान पार्टी के सामने से नमस्कार जनाब का सलाम ठोक कर निकल जाते हैं। आमजन पुलिस को चालान काटता देख नौ दो ग्यारह होने के प्रयास करता है और घबरा जाता है। इसी कारण ऐसे लोग भागते समय सर्वाधिक दुर्घटनाओं का शिकार बनते हैं।

Isha